उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 2017 के पहले चाचा-भतीजे में होड़ लगती थी कि कौन-कहां से कितनी वसूली करेगा. सीएम योगी ने कहा कि होड़ का ये जो सिलसिला चलता था, उसने उत्तर प्रदेश को किस रसातल में पहुंचा दिया था.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "इनकी सरकार में ऐसी कोई भर्ती नहीं थी, जिसकी जांच न हो रही हो, कोई भर्ती ऐसी नहीं थी कि जिसमें न्यायालय को हस्तक्षेप न करना पड़ा हो. कोई भी ऐसी प्रक्रिया इन्होंने नहीं अपनाई थी, जिसमें कहीं पारदर्शिता और निष्पक्षता दिखाई देती हो, लेकिन आज इससे दूर हटकर उत्तर प्रदेश ने जो प्रणाली अपनाई है, इसका परिणाम है कि बीते सात साल में साढ़े छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में और दो करोड़ से अधिक युवाओं को यूपी के अन्य जरूरतमंद लोगों को रोजगार के साथ जोड़ने में मदद की. इसी का परिणाम है कि यूपी में बेरोजगारी की दर अपने निम्नतम स्तर पर है."
सीएम ने कहा, 1036 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं. इनमें चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सहायक शोध अधिकारी के रूप में 537 पद हैं. लघु सिंचाई विभाग, वित्त, नियोजन विभाग के लगभग 193, आवास मत्स्य, पर्यटन, सहकारिता, कृषि विपणन आदि 228, वन विभाग के 37 पदों पर नियुक्ति पत्र का वितरण किया जा रहा है. जितने भी युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित हुए हैं, उनमें आरक्षण के नियमों का पूरा पालन किया गया है. युवाओं की मेहनत का परिणाम इनके सामने हैं. एक भी व्यक्ति ने, परिवार के सदस्य ने किसी से भी सिफारिश नहीं की होगी और न ही कोई लेन-देन किया होगा. सीएम योगी ने पूछा कि क्या ये 2017 से पहले संभव था.