कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी के हमीरपुर जिले के सरकारी अस्पताल का हाल बेहद बुरा है. एक साल पहले बनाए गए ICU का ताला बंद है, क्योंकि स्टाफ ना होने की वजह से इसे अब तक शुरू नहीं किया जा सका.
पूरे प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर तैयारियों की जायजा लिया गया. लेकिन सराकरी अस्पताल में अब तक कोविड डेस्क स्थापित नहीं हो पाया. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर कोरोना ने फिर से पैर पसार लिए तो यहां रहने वाले लोगों का हाल क्या होगा.
एक साल पहले लाखों रुपयों की लागत से बने इस आईसीयू यानी (इंटेंसिव केयर यूनिट) में रखे वेंटिलेटर और मशीनें धूल फांक रही हैं. जिसकी सुद लेने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि गंभीर मरीजों को कानपुर रेफर किया जाता है, कई मरीज तो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. जिला अस्पताल से प्रतिमाह करीब 200 मरीज रेफर किए जाते हैं.
अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर केके गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों की कमी की वजह से यह समस्या आ रही है. तकनीकी स्टाफ की भी कमी है. जिसकी वजह से अबतक आईसीयू को शुरू नहीं हो सका. इस मामाले में शासन को पत्र भेजा गया है, स्टाफ की तैनाती होते ही आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा.
इस अस्पातल में कोरोना सहित गंभीर रोगों से ग्रसित, सड़क दुर्घटना, ऑपरेशन व ट्रॉमा के मरीजों को यहां भर्ती किया जाता है. अस्पताल प्रशासन अपनी तैयारियों को पूरी करने का दावा कर रहा था. लेकिन मॉक ड्रिल के दौरान सोमवार को इन दावों की पोल खुल गई.