scorecardresearch
 

UP: राजन हत्याकांड में कोर्ट का फैसला, दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने वाले 6 आरोपियों को उम्रकैद

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में चर्चित राजन हत्याकांड में कोर्ट ने 6 आरोपियों को उम्रकैद और एक को 6 महीने की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने सभी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 2012 में हुई इस हत्या में अभियोजन ने 10 गवाह पेश किए. 4 जज बदले और 100 से ज्यादा तारीखों के बाद कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया.

Advertisement
X
सुनवाई के दौरान 4 जज बदले गए.
सुनवाई के दौरान 4 जज बदले गए.

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में 2012 में हुए चर्चित राजन हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर 6 आरोपियों को हत्या के लिए दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी को उसका लाइसेंसी बंदूक इस्तेमाल होने पर 6 महीने की सजा दी गई है. साथ ही कोर्ट ने सभी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Advertisement

दरअसल, 22 जून 2012 को बांदा में गैस एजेंसी के पास पुरानी रंजिश के चलते राजन अवस्थी को दिनदहाड़े घेरकर गोलियों से भून दिया गया था. घटना के बाद वादी की शिकायत पर 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. खास बात यह है कि आरोपियों ने अपनी बंदूकों के अलावा एक अन्य व्यक्ति की बंदूक का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम दिया.

ये भी पढ़ें- बांदा: दबंगों ने दी जान से मारने की धमकी तो डर के मारे SP के पास पहुंचे दारोगा, बोले- घर के बाहर आकर दी गालियां

यह मामला इतना जटिल रहा कि सुनवाई के दौरान 4 जज बदले गए और 100 से अधिक तारीखें पड़ीं. अभियोजन पक्ष ने 10 गवाह पेश किए. आरोपियों ने कई बार अदालत में रिवीजन और एप्लिकेशन दाखिल कर प्रक्रिया को लंबा खींचने की कोशिश की. फैसला सुनाए जाने के दौरान कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील था. आने-जाने वालों की सख्ती से तलाशी ली जा रही थी.

Advertisement

7 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया था मुकदमा

कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता मनोज दीक्षित ने बताया कि यह जनपद का चर्चित मामला था. 22 जून 2012 को पुरानी रंजिश व आपसी झगड़े के चलते गैस एजेंसी के पास राजन अवस्थी की आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसमें वादी की तहरीर पर 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में बड़ी बात यह है कि आरोपियों ने अपनी बंदूक के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की बंदूक से वारदात को अंजाम दिया था जिसमें 6 आरोपियों को धारा 302 यानी हत्या के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

साथ ही बंदूक रखने वाले बाबू उर्फ ​​राम बहादुर को धारा 30 के तहत आरोपी बनाया गया है और उसे न्यायालय ने 6 माह के कारावास की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में 10 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. इस मामले में फैसला आने में समय लगा, क्योंकि आरोपी न्यायालय में कभी कागजात रिवीजन करते थे, तो कभी किसी एप्लीकेशन को रिवीजन करते थे. इस वजह से फैसले में देरी हुई. लेकिन अंत में अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया.

Live TV

Advertisement
Advertisement