प्रयागराज में चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पूर्व आईजी और 'दूसरी राधा' के नाम से प्रसिद्ध डीके पांडा को साइबर ठगों ने 381 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की. यह घटना तब सामने आई जब डीके पांडा ने धूमनगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई.
ठगों ने डीके पांडा को व्हाट्सएप्प कॉल के माध्यम से संपर्क किया और बताया कि उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग में 381 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. ठगों ने दावा किया कि यह पैसा साइप्रस सिटी के साइप्रस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन से जुड़ा हुआ है, जो पूरे यूरोपीय संघ में व्यापार करता है. उन्होंने यह भी बताया कि लंदन के वित्त विभाग में काम करने वाले राहुल गुप्ता और फिनिक्स ग्रुप के विनीत गोयल ने इस ट्रेडिंग में मदद की है.
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आठ लाख रुपये जमा करने की मांग
ठगों ने डीके पांडा को बताया कि इस बड़े मुनाफे को उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए उन्हें 8 लाख रुपये जमा करने होंगे. अगर वे यह राशि नहीं देते हैं, तो उन्हें तमाम तरीकों से फंसाने की धमकी दी गई. आमतौर पर ठग धमकियां देकर लोगों से पैसे निकलवाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार पूर्व आईजी ने मामले को भांप लिया, और तुरंत कार्रवाई की.
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26 अक्टूबर को अरव बनकर किया था कॉल
डीके पांडा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, 26 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3:25 बजे एक शख्स ने जिसने अपना नाम अरव शर्मा बताया, व्हाट्सएप्प कॉल के माध्यम से डीके पांडा से संपर्क किया था. इससे पहले कि ठग अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, पूर्व आईजी डीके पांडा ने तुरंत धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी और इस बड़ी ठगी से बच गए. पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और ठगों की पहचान करने के लिए जांच शुरू की है.