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'मथुरा में ईदगाह है, विवाद क्यों?' कोर्ट के सर्वे रिपोर्ट के आदेश पर बोले दारुल उलूम के प्रवक्ता

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी याचिका पर मथुरा की सिविल कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया है. विवादित स्थल का सर्वे कर 20 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. इस पर दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सूफियान निजामी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सर्वे पर ऐतराज नहीं है.

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मथुरा की कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया है. (फाइल फोटो).
मथुरा की कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया है. (फाइल फोटो).

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर मथुरा की कोर्ट ने 20 जनवरी तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में अब दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सूफियान निजामी का बयान आया है. उन्होंने कोर्ट के फैसले के बाद सवाल किया और कहा- जब हमारे मुल्क में द प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंस) एक्ट मौजूद है और उसके मुताबिक जो भी पहले से है, वह वैसा ही रहेगा तो बार-बार चर्चा क्यों हो रही है? हमने बाबरी मस्जिद को लेकर मुल्क में सियासत देखी है. उसमें मुल्क का नुकसान हुआ है. जान-माल का भी नुकसान हुआ है. राजनीति भी की गई है. अब किसी नए विवाद को किसी भी सूरत में जन्म देने की जरूरत नहीं है. यह सबको पता है कि मथुरा में ईदगाह है, वहां लगातार इबादत हो रही है.

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उन्होंने आगे कहा कि सर्वे पर किसी को एतराज नहीं है. अगर कोर्ट ने ऑर्डर किया है तो उसका सम्मान करते हैं. इंतजामिया को यह देखना चाहिए कि सर्वे किस तरह कराया जाता है और उसमें कितनी पारदर्शिता है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में जो ऑर्डर हैं वो बिल्कुल इस तरह के हैं जिनमें वर्शिप एक्ट को नजरंदाज किया गया, जो कानून पहले से हमारे मुल्क में मौजूद हो- उन्हीं पर बात होनी चाहिए. जब मथुरा में पहले ही पैक्ट साइन हो चुका है तो वह कुछ सोच समझकर ही हुआ होगा तो उसमें अड़चन डालने की क्या जरूरत है.

कोर्ट के आदेश का पालन होगा: डिप्टी सीएम

वहीं, यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि कोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसका हम सब अनुपालन करेंगे. प्रदेश में कानून का राज कायम रखेंगे. कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी. मुझे ओवैसी के बयान की जानकारी नहीं है. यूपी में कानून व्यवस्था भंग नहीं हो पाएगी और कोर्ट के आदेश का पालन होगा.

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20 जनवरी को सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश

बता दें कि मथुरा की एक जिला अदालत ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को 20 जनवरी को शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की एक सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ताओं के वकील के अनुसार, इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बनाया गया है. ऐसे में मस्जिद को ट्रांसफर करने की मांग की है. सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की कोर्ट ने बाल कृष्ण और अन्य बनाम इंतेजामिया समिति और अन्य के मामले में आदेश सुनाया है.

22 दिसंबर को नहीं हो सकी थी सुनवाई

याचिकाकर्ताओं के वकील शैलेश दुबे ने शनिवार को बताया कि जज ने 8 दिसंबर को अमीन (राजस्व विभाग के एक अधिकारी) को दोनों पक्षों को सूचित करने और अगली सुनवाई पर एक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. 22 दिसंबर को मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी, क्योंकि उस दिन जज छुट्टी पर थे. कोर्ट ने अब सुनवाई की अगली तारीख 20 जनवरी, 2023 तय की है. उसी दिन सर्वे रिपोर्ट दाखिल की जानी है.

मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा

उन्होंने बताया कि कटरा केशव को कथित रूप से तोड़े जाने के बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास की 13.37 एकड़ जमीन के हिस्से पर शाही मस्जिद ईदगाह को बनाया गया है. जिसे ट्रांसफर करने के लिए बालकृष्ण और अन्य ने 8 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन (3) की अदालत में केस दायर किया था. औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ईदगाह मस्जिद बनवाई थी. वकीलों के अनुसार, 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए इसे खत्म किए जाने की मांग की है. 

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'सर्वे का कोई विरोध नहीं करेगा'

इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा कि कोर्ट के निर्देश का पालन करने से सच्चाई सामने लाने में मदद मिलेगी. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में उम्मीद जताई कि स्थल के सर्वे के लिए अदालत के आदेश का विरोध नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा- हम आदेश का स्वागत करते हैं और न्यायोचित फैसले के लिए इसे अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद करते हैं. उन्होंने आगे कहा- हमें उम्मीद है कि यह सर्वे किया जाएगा. जिसमें सच का सामना करने का साहस है और जिसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, वो सर्वे का विरोध नहीं कर सकता है.

कब हुआ शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण?

शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है. इस जगह को हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है. दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था.

 

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