बांदा जिले के अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां मेडिकल स्टाफ ने एक महिला को बिना BHT (बेड हेड टिकट) के भर्ती कर लिया. इसके बाद इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. फिर कुछ दिन बाद कागजों की हेराफेरी कर दी गई और महिला को कागजों पर जिंदा कर दिया. जब यह मामला बढ़ा तो CMS ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. उनका कहना है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, जरैली कोठी की रहने वाली महिला की तबियत बिगड़ने पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने हालात गंभीर होने के चलते उन्हें अस्पताल में बिना बेड हेड टिकट बनाए भर्ती कर लिया. महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. फिर परिजन डेड बॉडी लेकर चले गए. लेकिन जब डेथ सर्टिफिकेट लेने पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि इनकी मरीज यहां रिकार्ड में दर्ज नहीं है.
डॉक्टरों ने शिकायत के भी नहीं दिया जवाब
परिजन के हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने रिकार्ड चेक किया, तो महिला की बेड हेड टिकट नहीं मिला. परिजनों ने ड्यूटी में तैनात डॉक्टर से शिकायत की. मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आरोप है कि इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने दस्तावेजों में हेराफेरी शुरू कर दी.
BHT में समय में बदलकर जारी किया मृत्यु प्रमाण पत्र
आरोप है कि महिला के मौत के बाद जो मरीज भर्ती हुआ था, उसी के नाम से BHT जारी कर दी गई और समय में बदलाव कर मृतक महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. बता दें कि जिला अस्पताल का नियम है कि जब किसी मरीज को भर्ती किया जाता है, तो तत्काल BHT यानी बेड हेड टिकट जारी किया जाता है.
दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
जिला अस्पताल के CMS डॉक्टर एसएन मिश्र ने बताया कि एक महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी डेथ हो गई थी. मरीज ज्यादा होने के कारण डॉक्टर BHT नहीं जारी कर पाए थे. बाद में जारी कर दिया गया है. संख्या एक रहेगी लेकिन A और B के रूप में रहेंगे. इस मामले में जांच कराई जा रही है. दोषी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.