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लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की रिहाई में फंसा पेंच, अभी और रहना होगा जेल में

लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सर्वोच्च अदालत से 8 हफ्तों के लिए भले ही सशर्त जमानत मिल गई हो. मगर, मोनू मिश्रा को अभी 2 दिन और लखीमपुर जेल में बिताने पड़ सकते हैं. दरअसल, एससी से मिली जमानत का आदेश बुधवार शाम तक लखीमपुर जेल नहीं पहुंचा है. 26 जनवरी को सरकारी अवकाश है.

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आशीष मिश्रा (फाइल फोटो).
आशीष मिश्रा (फाइल फोटो).

लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू को सर्वोच्च अदालत ने 8 हफ्तों के लिए भले ही सशर्त जमानत दे दी है. मगर, मोनू मिश्रा को अभी 2 दिन और लखीमपुर जेल में बिताने पड़ सकते हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत का आदेश बुधवार शाम तक लखीमपुर जेल नहीं पहुंच सका था.

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इसकी वजह से आशीष मिश्रा की रिहाई नहीं हो सकी है. गुरुवार को गणतंत्र दिवस है, ऐसे में छुट्टी के चलते रिहाई आदेश अब शुक्रवार को पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, इसके बाद भी वैरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है. अगर यह शुक्रवार को पूरी हो गई, तो उसी दिन नहीं तो शनिवार को आशीष मिश्रा की रिहाई हो सकती है.  

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई करते हुए आशीष मिश्रा की जमानत मंजूर कर ली थी. कोर्ट ने शर्त लगाई है कि आशीष मिश्रा इस दौरान यूपी और दिल्ली में नहीं रहेगा.  

कोर्ट ने यह भी कहा है कि जमानत पर जेल से छूटने के एक सप्ताह में उसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली छोड़ना होगा. आशीष केस से जुड़े गवाहों को धमकाने की कोशिश नहीं करेगा. जमानत पर रहने के दौरान आशीष मिश्रा, जहां भी होगा उसे वहां के थाने में हाजिरी लगानी होगी. 

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सुप्रीम कोर्ट करेगा निगरानी

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर केस में स्वत: संज्ञान लेते हुए बाकी सभी आरोपियों को भी बेल देने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की निगरानी करेगा. ट्रायल कोर्ट को हर सुनवाई के बाद जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भेजनी होगी. इस मामले में SC में अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने आशीष को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि बैलेंस यानी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाने के लिए लिया यह फैसला लिया गया है. आशीष कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में बताते रहेंगे, ताकि उन पर निगरानी रखी जा सके. साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा.

यह है मामला

लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में तीन अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था.

घटना में चार किसान की मौत हो गई थी. हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान गई थी. यहां तीन कृषि कानून के विरोध में किसान धरना देने और मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जुटे थे. इस घटना में कई किसानों की मौत हो गई थी. कुछ घायल हुए थे. मंत्री पुत्र की कार के ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था.

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