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देवरिया हत्याकांड: DM कोर्ट से प्रेमचंद यादव पक्ष को झटका, अवैध कब्‍जे पर चलेगा बुलडोजर!

Deoria News: अवैध कब्जे के मामले में DM कोर्ट ने रुद्रपुर तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखते हुए प्रेमचंद यादव पक्ष की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि तहसीलदार के आदेश में हस्तक्षेप किया जाना विधि की मंशा के विपरीत है. ऐसे में अब आशंका जताई जा रही है कि प्रेमचंद और उसके करीबियों के अवैध तरीके से बनाए गए मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है.

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देवरिया: मृतक प्रेमचंद यादव का मकान
देवरिया: मृतक प्रेमचंद यादव का मकान

यूपी के देवरिया में जमीनी विवाद में हुई 6 लोगों की हत्‍या के मामले में मृतक प्रेमचंद यादव पक्ष को झटका लगा है. अवैध कब्जे के मामले में DM कोर्ट ने रुद्रपुर तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखते हुए प्रेमचंद पक्ष की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि तहसीलदार न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप किया जाना विधि की मंशा के विपरीत है. ऐसे में अब आशंका जताई जा रही है कि प्रेमचंद और उसके करीबियों के अवैध तरीके से बनाए गए मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है. अवैध संपत्तियों पर भी एक्शन लिया जा सकता है. 

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गौरतलब है की बीते 2 अक्टूबर को फतेहपुर के ग्राम लेड़हा टोला में जमीनी विवाद में नरसंहार हुआ था, जिसमें एक पक्ष के पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई थी, तो दूसरे पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के 5 सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. कुल 6 जाने गई थीं. 

प्रेमचंद यादव द्वारा सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञान प्रकाश दुबे की जमीन को अवैध तरीके से बैनामा कराया था, इसी को लेकर दोनों पक्षो में विवाद चल रहा था और 2 अक्टूबर को इस विवाद के चलते इतना बड़ा कांड हो गया. इसमें सत्य प्रकाश दुबे की बेटी शोभिता की तहरीर पर मृतक प्रेमचंद यादव समेत 27 लोगों को नामज़द किया गया था. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुका है. 

आपको बता दें कि इस मामले में डीएम के आदेश पर 4 अक्टूबर को एसडीएम न्यायिक सीमा पांडे के नेतृत्व में राजस्व टीम ने प्रेमचंद के यादव के घर के आसपास की जमीनों की पैमाइश कराई थी. जिसमें खलिहान की जमीन नवीन प्रति की जमीन और स्कूल की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा पाया गया. इसके बाद रुद्रपुर तहसीलदार कोर्ट में वाद दाखिल किया गया, जिसमें प्रेमचंद के पिता रामभुवन, गोरख और परमहंस को नोटिस जारी किया गया. आपत्ति आने पर 9 तारीख को फिर दुबारा पैमाइश हुई थी. 

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प्रेमचंद पक्ष की अपील खारिज की गई 

इसके बाद 11 अक्टूबर को बेदखली का आदेश सुनाया गया था. 30 अक्टूबर को राम भूवन की बहू प्रेमचंद की पत्नी प्रेमशिला, गोरख की पत्नी विमला व परमहंस की पत्नी गुलाबपति द्वारा डीएम के कोर्ट में अपील की गई. अब इस मामले में ठीक 2 महीने बाद 30 दिसंबर को DM अखंड प्रताप सिंह ने अपना फैसला सुनाया है और कहा है कि तहसीलदार न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप किया जाना अनुचित व विधि की मंशा के विपरीत है इसलिए अपील खारिज की जाती है. 

मालूम हो कि सत्य प्रकाश दुबे ने पूर्व में तहसील प्रशासन में शिकायत की थी कि प्रेमचंद यादव ने सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किया है. एक आलीशान कोठी भी खड़ी की है, जिसको लेकर भीषण नरसंहार के बाद जमीन की पैमाइश कराई गई. जिसमें मृतक प्रेमचंद यादव द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा करना पाया गया. जिसके बाद तहसीलदार कोर्ट में मुकदमा चला था और बेदखली का आदेश जारी हुआ था. 

इसको लेकर प्रेम चंद यादव का परिवार हाईकोर्ट पहुंच गया, जहां इन्हें 14 दिन का स्टे मिलने के साथ डीएम को डायरेक्शन दिया गया कि तीन महीने के अंदर इसमे निर्णय दें. फिर परिवार द्वारा डीएम कोर्ट में अपील की गई जिसकी सुनवाई लगातार की जा रही थी.

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अब इसमें डीएम कोर्ट ने पूर्व तहसीलदार के फैसले को ही सही मानते हुए अपील को खारिज कर दिया है. यानी खलिहान की जमीन, नवीन परतीं भूमि, वन भूमि व स्कूल की भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया. अब बेदखली का नोटिस जारी होगा और जल्द ही इन्हें सरकारी जमीन से कब्जा हटाने का निर्देश दिया जाएगा. अन्यथा इन्हें जबरन खाली कराया जाएगा.

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