उत्तर प्रदेश के देवरिया में रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर को हुए हत्याकांड से गांव के लोग अभी तक सदमे में हैं. गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. सत्य प्रकाश दुबे के घर के पास प्रेमचंद यादव की हत्या हुई थी. इसके बाद प्रेमचंद के समर्थकों ने सत्य प्रकाश के घर में घुसकर मौजूद 6 लोगों पर जानलेवा हमला किया. इसमें सत्य प्रकाश, उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटे समेत पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. 8 साल के बेटे अनमोल की हालत नाजुक बनी हुई है.
पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें अपनी कार्रवाई में लगी हुई हैं. वहीं, सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी जिसकी 2 साल पहले शादी हो चुकी है, उसने बताया कि जमीनी विवाद को लेकर प्रेमचंद से झगड़ा चलता था. कई बार शिकायत की गई. मगर, पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की गई. इसके चलते हमारे परिवार के लोगों को मार डाला गया.
'मजदूरी करके जीवन यापन करता था'
इस बीच गांव में रहने वाले परम यादव ने बताया कि सत्य प्रकाश का परिवार बेहद गरीब था. मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता था. वहीं प्रेमचंद यादव एक नेक इंसान था. वो सबकी मदद करता था. इस हत्याकांड में 27 लोग नामजद हैं. इसमें राजभर बिरादरी के लोगों पर भी पुलिस ने कार्रवाई की है.
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इसके लेकर महिलाओं का कहना है कि घर के लोग मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं. खेत की सिंचाई करके सब लोग घर लौटे थे. पुलिस आई और उन्हें उठा ले गई. इस मामले में गुरुवार को शासन ने राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के 15 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
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इसको लेकर मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश का कहना है कि यह कार्रवाई पहले हुई होती तो मां-बाप और भाई-बहनों की हत्या नहीं होती. मांग है कि उसकी संपत्ति वापस दिलाई जाए और आरोपियों के घर पर बुलडोजर चले.
देवेश दुबे ने कहा, 'अधिकारी सस्पेंड हुए हैं तो हम क्या करें. हमारा परिवार तो चला गया. बकरे की तरह काट दिया गया. पहले अधिकारियों ने कुछ नहीं किया. उनके सस्पेंड होने से मां-बाप आ जाएंगे? नहीं आ पाएंगे. हम संतुष्ट नहीं हैं. मेरी प्रॉपर्टी है वापस दिलवाई जाए. साथ ही आरोपी का घर गिराया जाए'.