देवरिया हत्याकांड में पैमाइश के बाद तहसील कोर्ट ने प्रेमचंद यादव के पिता समेत तीन आरोपियों को बेदखली का आदेश जारी कर दिया है. तहसीलदार का फैसला आने के बाद बुलडोजर कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है. हालांकि, प्रेमचंद के वकील गोपीनाथ की माने तो इस आदेश के बाद वह डीएम कोर्ट में अपील करेंगे. गोपीनाथ के मुताबिक, इसके लिए 30 दिन का समय होता है. अगर इसके पहले एक्शन (बुलडोजर कार्रवाई) हुआ तो यह कानून की अवहेलना मानी जाएगी.
बता दें कि देवरिया के फतेहपुर गांव में आरोपियों के घर/जमीन की पैमाइश पूरी होने के बाद तहसीलदार ने जुर्माना लगाकर बेदखली का आदेश जारी किया. राजस्व विभाग ने मृतक प्रेमचंद यादव के मकान और जमीन की पैमाइश पूरी करके कोठी पर मार्किंग कर दी है. बताया जा रहा है कि प्रेमचंद की आलीशान कोठी बंजर जमीन पर कब्जा करके बनाई गई है.
प्रेमचंद पक्ष के वकील गोपीनाथ यादव ने कहा कि पांच फाइलों का मुकदमा था. तीन फाइल राम भवन यादव (प्रेमचंद यादव) की है, एक फाइल परमहंस यादव की और एक गोरख यादव की है. नोटिस में खलिहान, वन विभाग की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है. हम आपत्ति दाखिल करेंगे और जरूरी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे.
आरोपियों के वकील ने क्या कहा?
वकील गोपीनाथ यादव ने कहा कि तहसील कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाया है. हमारे पक्ष का बयान नहीं लिया और ना ही रिपोर्ट करने वाले लेखपालों से जिरह कराई. इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी. वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि कोर्ट ने पूरी निष्पक्षता से जांच के बाद फैसला सुनाया है. राजस्व विभाग की टीम के साथ सरकारी जमीनों की पैमाइश कराई गई, वो भी दो बार. पैमाइश के दौरान तहसीलदार और SDM के साथ उनका पक्ष मौजूद रहा. जब मौके पर सुनवाई की गई तो जिरह और बयान का कोई औचित्य नहीं है.
मालूम हो कि देवरिया के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में बीते 2 अक्टूबर को जमीन विवाद में 6 लोगों की हत्या हो गई थी. गांव के सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर पहले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई. फिर इसके प्रतिशोध में भीड़ ने सत्य प्रकाश दुबे उनकी पत्नी दो बेटियों और एक बेटे समेत 5 लोगों की निर्मम हत्या कर दी. इस नरसंहार में घायल सत्य प्रकाश के एक बेटे अनमोल दुबे का गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. जबकि एक अन्य बेटा देवेश और बेटी शोभिता जिंदा बची है.
प्रेमचंद यादव के मकान को लेकर बेदखली का आदेश
इस वारदात के पहले से जमीनी विवाद चल रहा था. सत्य प्रकाश ने प्रेमचंद समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की शिकायत कर रखी थी. हत्याकांड के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया तो इस केस में प्रेमचंद समेत अन्य कई आरोपियों के घर की पैमाइश कराई गई. इसमें प्रेमचंद समेत तीन लोगों का घर सरकारी जमीन पर होना पाया गया. इसको लेकर बुधवार (11 अक्टूबर) को तहसील कोर्ट ने प्रेमचंद यादव के पिता राम भवन यादव के खिलाफ बेदखली का आदेश दिया है. इस आदेश के मुताबिक रामभवन यादव को मकान खाली करना होगा. उधर, बेदखली के आदेश के बाद प्रेमचंद की बेटियों ने सरकार से मकान ना गिराने की गुहार लगाई है.