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शातिर को उसी की चाल में फंसाने वाले कानपुर के भूपेंद्र की कहानी बनी मिसाल, DGP ने किया सम्मान  

कहानी की शुरुआत तब हुई जब भूपेंद्र को एक नंबर से फोन आया. खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि भूपेंद्र का नाम एक अश्लील वीडियो देखने वालों की लिस्ट में आ गया है. मामला रफा-दफा करने के लिए ठग ने 16,000 रुपये की मांग की. भूपेंद्र घबराने की बजाय सतर्कता से काम लेते हुए ठग से ही खेल गए. उन्होंने बहाना बनाकर पहले कुछ रुपये देने की बात कही और फिर ठग को धीरे-धीरे अपने जाल में फंसा लिया.

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कानपुर के भूपेंद्र को DGP और मंत्री असीम अरुण ने सम्मानित किया
कानपुर के भूपेंद्र को DGP और मंत्री असीम अरुण ने सम्मानित किया

ठगी का खेल खेलने वाले साइबर अपराधियों को पहली बार कानपुर के भूपेंद्र से  चकमा मिल गया. उन्होंने अपनी चतुराई और सूझबूझ से एक साइबर ठग को उसी के जाल में फंसा लिया और 10,000 रुपये ठग से ही ठग लिए. यह घटना अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण ने भूपेंद्र को इस साहसिक कदम के लिए सम्मानित किया और उन्हें साइबर क्राइम जागरूकता अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया.

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कैसे भूपेंद्र ने ठग को ही ठग लिया

कहानी की शुरुआत तब हुई जब भूपेंद्र को एक नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि भूपेंद्र का नाम एक अश्लील वीडियो देखने वालों की लिस्ट में आ गया है. मामला रफा-दफा करने के लिए ठग ने 16,000 रुपये की मांग की. पर भूपेंद्र घबराने की बजाय सतर्कता से काम लेते हुए ठग से ही खेल गए. उन्होंने बहाना बनाकर पहले कुछ रुपये देने की बात कही और फिर ठग को धीरे-धीरे अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया. अलग-अलग कारण बताकर उन्होंने ठग से 10,000 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए. ठग को जब तक असली चाल समझ में आई, तब तक वह खुद एक बड़ी ठगी का शिकार हो चुका था.

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बने साइबर क्राइम ब्रांड एंबेसडर

भूपेंद्र की इस अनोखी चतुराई की कहानी जब पुलिस प्रशासन तक पहुंची, तो उन्होंने इसे साइबर अपराध से लड़ने के एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखा. हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में डीजीपी प्रशांत कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण ने भूपेंद्र को सम्मानित किया. न केवल यह, बल्कि उन्हें साइबर क्राइम जागरूकता अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी नियुक्त किया गया.

मंत्री असीम अरुण ने कहा, भूपेंद्र की सूझबूझ यह दर्शाती है कि अगर आम नागरिक थोड़ी सतर्कता दिखाएं, तो साइबर अपराधियों को शिकस्त दी जा सकती है. यह कहानी प्रदेशभर के लोगों को प्रेरित करेगी. 

साइबर अपराध रोकथाम के लिए बनेगा वीडियो

भूपेंद्र की इस घटना को लोगों तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर क्राइम टीम जल्द ही एक जागरूकता वीडियो जारी करेगी. इस वीडियो में दिखाया जाएगा कि भूपेंद्र ने किस तरह से ठग को उसी के जाल में फंसाया. पुलिस का मानना है कि यह वीडियो आम जनता को साइबर अपराध से बचने के नए तरीके सिखाएगा और उन्हें जागरूक करेगा.

पुलिस कमिश्नर ने की तारीफ

कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने भी भूपेंद्र से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली. अधिकारियों ने उनकी इस पहल की जमकर सराहना की और कहा कि यह घटना साइबर ठगों के खिलाफ एक नई सीख है. पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा साइबर अपराधी अक्सर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं, लेकिन भूपेंद्र ने दिखा दिया कि थोड़ी सतर्कता से हम खुद को और दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं.

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साइबर क्राइम से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

- अज्ञात नंबरों से आए फोन कॉल पर सतर्क रहें.

- कोई भी सरकारी अधिकारी या संस्था फोन पर पैसे नहीं मांगती, ऐसी बातों पर विश्वास न करें.

- अगर कोई व्यक्ति आपसे पैसों की मांग करता है, तो पहले उसकी सही जानकारी प्राप्त करें.

- संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत करें.

- किसी को भी ओटीपी, बैंक डिटेल या अन्य संवेदनशील जानकारी न दें.
 

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