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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के अंतिम दिन यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिसकर्मियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमारे साथियों ने बिना किसी शस्त्र के, अपने व्यवहार से सबका मन जीता है. पुलिस की पूरी क्षमता को यहां परखा गया. सभी लोग इस पर खरे उतरे हैं और बिना किसी बड़ी घटना के महाकुंभ संपन्न कराने में सफलता पाई है.
बकौल डीजीपी प्रशांत कुमार- पूरे राज्य में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिव मंदिरों में जा रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं. आज महाकुंभ का आखिरी दिन है और महाकुंभ के 45 दिनों में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में पवित्र डुबकी लगाई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हमने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और तकनीकों का एक अभूतपूर्व मॉडल पेश किया है. हमने भीड़ प्रबंधन और निगरानी के लिए विश्व स्तरीय तकनीकों और AI का इस्तेमाल किया. सभी एजेंसियों से हमें जो सहयोग मिला, उससे हमें अभूतपूर्व तरीके से प्रदर्शन करने में मदद मिली.
डीजीपी ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर प्रयागराज के दर्शन करने के बाद पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी. महाकुंभ बिना किसी बड़ी त्रासदी के संपन्न हो गया. हमने रेलवे के साथ मिलकर काम किया. हमें पूरा विश्वास था और जैसा कि मैंने पहले कहा, यह हमारे लिए चुनौती नहीं बल्कि अवसर है. हमारे पुलिसकर्मियों ने 45 दिनों तक जमीन पर काम किया और उससे पहले दो महीने तक प्रशिक्षण लिया. हमने कई उदाहरण पेश किए जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे..
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था कुछ और दिनों तक बनी रहेगी जब तक कि हम अपने सभी उपकरण नष्ट नहीं कर देते. व्यक्तिगत रूप से, यह गर्व की बात है और एक अविस्मरणीय अनुभव है. महाकुंभ के दौरान 30 हज़ार से अधिक खोए-पाए लोगों को हमने उनके परिवारों से मिलाया है.
आपको बता दें कि महाकुंभ का पवित्र पर्व 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ था, जिसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान के साथ हुआ. इस दौरान देशभर से आए संतों, साधुओं और श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान संपन्न हुआ. वहीं, आखिरी अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न हुआ.