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197 करोड़ कैश मिलने पर पीयूष जैन हुए अरेस्ट, 351 करोड़ बरामद होने पर भी धीरज साहू अब तक गिरफ्तार नहीं, जानिए नियम

Dheeraj Sahu And Piyush Jain: इतनी बड़ी धनराशि मिलने के बाद भी अभी तक सांसद धीरज साहू की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि इससे कम धनराशि मिलने पर तुरंत ही कानपुर के बिजनेसमैन पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था. पीयूष जैन की जमानत 11 महीने बाद हाईकोर्ट से हुई थी. आइए जानते क्या है गिरफ़्तारी का नियम...

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धीरज साहू और पीयूष जैन
धीरज साहू और पीयूष जैन

आयकर विभाग (Income Tax) ने सांसद धीरज प्रसाद साहू (Dhiraj Prasad Sahu) के ठिकानों से साढ़े तीन सौ करोड़ से ज्यादा का कैश बरामद किया है. इस कार्रवाई के बाद कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) का मामला भी चर्चा में आ गया है. दिसंबर 2021 में GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पीयूष जैन के कई ठिकानों पर छापा मारा था. तब डीजीजीआई ने जैन के ठिकानों से 197 करोड़ रुपए कैश, 23 किलो सोना और अन्य बहुमूल्य चीजें बरामद की थीं.

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इस मामले में जांच एजेंसी कारोबारी को 497 करोड़ रुपए पेनल्टी का नोटिस थमा चुकी है. इसके अलावा आयकर विभाग भी उसपर बड़ी पेनल्टी लगाएगा. कैश बरामद होने के बाद पीयूष जैन गिरफ्तार को गिरफ्तार कर लिया गया था. फिलहाल, वो जमानत पर है.  

धीरज साहू के मामले में आधिकारियों कहना है कि यह किसी भी जांच एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में जब्त किया गया अबतक का सबसे बड़ा काला धन है. लेकिन इतनी बड़ी धनराशि मिलने के बाद भी अभी तक धीरज साहू की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि इससे कम धनराशि मिलने पर तुरंत ही पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था. जैन की जमानत 11 महीने बाद हाई कोर्ट से हुई थी.

इनकम टैक्स एक्ट-1961 के अंतर्गत अरेस्ट का पावर नहीं

दरअसल,कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ऊपर जो छापेमारी हुई है वह आयकर विभाग ने की है और इनकम टैक्स एक्ट-1961 के मुताबिक आयकर विभाग के पास गिरफ्तारी का अधिकार नहीं है. इस एक्ट के अंतर्गत छापेमारी और अन्य कार्रवाई में गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं दिया गया है. ज्यादा से ज्यादा सर्च खत्म होने के बाद असेसमेंट और प्रॉसिक्यूशन किया जा सकता है और कोर्ट द्वारा सजा कराई जा सकती है. 

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ये भी पढ़ें- 497 करोड़ की पेनल्टी, 23 किलो जब्त सोना... कानपुर के 'काले खजाने' वाले पीयूष जैन के केस का आखिरकार क्या हुआ?

सीजीएसटी सेक्शन-69 देता है गिरफ्तार करने का पावर

गौरतलब है कि पीयूष जैन के ऊपर जो कार्रवाई की गई थी वह केंद्रीय जीएसटी विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा की गई थी. सीजीएसटी सेक्शन-69 के अंतर्गत गिरफ्तारी का प्रावधान है, जो जीएसटी विभाग को तत्काल गिरफ्तार करने का पावर देता है. इसी के चलते पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था और करीबन 1 साल बाद उनकी जमानत हाईकोर्ट से हुई थी. 

कब हो सकती है धीरज साहू की गिरफ्तारी

धीरज साहू की गिरफ्तारी तभी संभव है जब एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या सीबीआई जैसी एजेंसीज इसमें केस दर्ज करके जांच शुरू करें. अगर एजेंसीज को लगता है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग हुई है या फिर किसी क्रिमिनल एक्टिविटी के चलते इतनी बड़ी धनराशि को अर्जित किया गया है तो ईडी या सीबीआई इसमें केस दर्ज कर धीरज साहू को गिरफ्तार कर सकती है. 

पीयूष जैन पर कार्रवाई कहां तक पहुंची?

मालूम हो कि मई 2023 में पीयूष जैन के खिलाफ डीजीजीआई ने अपनी जांच पूरी कर ली थी और उसपर 497 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई है. साथ ही इस मामले में 11 अन्य लोगों को आरोपी बनाकर नोटिस जारी कर दिया गया है. मामले में एजेंसी की तरफ से 1 लाख 60 हजार पेज की चार्टशीट कोर्ट में दाखिल की गई है.

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पीयूष जैन के यहां से जो पैसा और सोना जब्त किया गया था, उसमें से कुछ भी उन्हें वापस नहीं मिला. वहीं, जीएसटी विभाग ने 497 करोड़ रुपए का पेनल्टी नोटिस भी थमा दिया है. इतना ही नहीं, इनकम टैक्स विभाग अलग से आय से ज्यादा स्रोत पर टैक्स ना देने के मामले में पीयूष जैन की जांच कर रहा है.

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