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वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में गुप्ता परिवार के 5 लोगों की हत्या से हड़कंप मचा हुआ है. घटना के दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. हर एंगल से जांच-पड़ताल की जा रही है. पुलिस मृतक राजेंद्र गुप्ता के एक भतीजे को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. हालांकि, दूसरा भतीजा घटना वाले दिन से फरार है. ऐसे में शक सुई उस ओर भी घूम रही है.
क्योंकि, 28 साल पहले आरोप लगा था कि राजेंद्र गुप्ता ने अपने भतीजों के मां-बाप की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जब राजेंद्र के पिता ने उसके खिलाफ एफआईआर करवाई तो उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया गया. हालांकि, सही से पैरवी ना होने के कारण राजेंद्र जेल से बाहर आ गया था. बाहर आने के बाद उसने सारी संपत्ति हथिया ली और अपने भाई-भाभी के बच्चों (भतीजों) को किनारा कर दिया.
इसलिए एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विक्की और प्रशांत उर्फ जुगनू ने तो इस वारदात को अंजाम नहीं दिया. चूंकि, मां-बाप की हत्या के वक्त वो बहुत छोटे थे. बड़े होने पर उन्होंने चाचा राजेंद्र और उसके परिवार का सफाया कर दिया. हालांकि, असल कहानी क्या है इसका खुलासा होना बाकी है. लेकिन कयासों और अटकलों का दौर जारी है.
फिलहाल, वाराणसी पुलिस राजेंद्र गुप्ता, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के मामले को पुरानी रंजिश और संपत्ति विवाद से जोड़कर देख रही है. राजेंद्र के भतीजे प्रशांत उर्फ जुगनू को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है. बड़ा भतीजा विक्की फरार है. आरोपों के मुताबिक, भतीजों की मां मंजू और बाप कृष्णा की हत्या राजेंद्र ने उसी भदैनी के मकान में की थी, जहां बीते मंगलवार को उसकी पत्नी-3 बच्चों की सोते समय गोली मारकर हत्या की गई.
गौरतलब हो कि राजेंद्र गुप्ता परिवार की हत्या कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी, नक्कटैया मेले के दिन हुई. ठीक 28 साल पहले भी इसी तिथि में इसी भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी स्थित घर में राजेंद्र के भाई कृष्ण गुप्ता और उनकी पत्नी मंजू की हत्या हुई थी. दोनों के कत्ल का आरोप राजेंद्र पर लगा था.