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अचानक बांदा जेल पहुंचे DIG, प्रशासन में मचा हड़कंप, यहीं बंद है माफिया मुख्तार

डीआईजी जेल प्रयागराज अचानक बांदा मंडल कारागार पहुंच गए. उन्होंने सबसे पहले जेल कैंपस में बन रही बिल्डिंग और निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. नालियां, खिड़कियां, शीशे सहित अन्य कमियां मिलने पर 10 दिन में सुधारने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी बैरक, किचन सहित पूरे कैंपस का निरीक्षण किया.

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डीआईजी जेल प्रयागराज अचानक पहुंचे बांदा मंडल कारागार.
डीआईजी जेल प्रयागराज अचानक पहुंचे बांदा मंडल कारागार.

डीआईजी जेल प्रयागराज अचानक बांदा मंडल कारागार पहुंच गए. इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. डीआईजी ने जेल कैंपस का बारीकी से निरीक्षण किया. बैरकों की सघन तलाशी ली गई. जेल कर्मियों के रहने के लिए बन रही बिल्डिंग का निरीक्षण किया. साथ ही नालियां, शीशे आदि न होने सहित अन्य कमियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए और लौट गए. 

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बता दें कि कल यानी कि 13 मार्च को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को MP-MLA कोर्ट वाराणसी ने 36 साल पुराने केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और कल दोपहर ही डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव पहुंच गए. उन्होंने सबसे पहले जेल कैंपस में बन रही बिल्डिंग और निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. नालियां, खिड़कियां, शीशे सहित अन्य कमियां मिलने पर 10 दिन में सुधारने के निर्देश दिए.

उन्होंने सभी बैरक, किचन सहित पूरे कैंपस का निरीक्षण किया. जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव आए थे. जेल कैंपस में बन रही बिल्डिंग का निरीक्षण किया. उन्होंने कमियों को सुधारने और जेल मैनुअल के हिसाब से बंदियों के लिए समुचित व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. डीआईजी के निर्देशों को अगले 10 दिन के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.

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किस मामले में हुई है उम्रकैद की सजा?

मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को एक दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर जिला मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन दिया था. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया था. फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज कराया गया था. जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरी शंकर श्रीवास्तव और मुख्तार के खिलाफ साल 1997 में चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन गौरी शंकर की मौत हो जाने की वजह से उनका केस खत्म कर दिया गया था. 

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