उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो कुछ साल पहले संविदा पर सचिवालय लखनऊ में काम करता था. वह नौकरी से बर्खास्त किए जाने के बाद उसने लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने लगा. इसके लिए उसने अपनी कार पर मजिस्ट्रेट का बोर्ड लगा रखा था. साथ ही लोगों को पर रौब जमाता रहता था.
पूरे मामले का खुलासा करते हुए आजमगढ़ के एसपी ने बताया कि सिधारी थाना पठान टोली के रहने वाले पीड़ित काशिफ ने पुलिस को तहरीर दी कि एक व्यक्ति ने नौकरी दिलाने के नाम पर 14 लाख रुपए की ठगी की है. इसके आधार पर थाना सिधारी में आईपीसी के कई धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया.
कार पर लगा रखा था मजिस्ट्रेट वाला बोर्ड
फिर पुलिस ने छापेमारी और सर्विलांस की मदद से आरोपी जियाउल इस्लाम सिद्ध को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के पास से 95000 रुपये, सचिवालय का दो पहचान पत्र, एक आधार कार्ड, फर्जी दस्तावेज और एक गाड़ी, जिस पर मजिस्ट्रेट का बोर्ड लगा हुआ बरामद की है.
साल 2015 में निकाल दिया गया था सचिवालय से
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह साल 2001 से संविदा पर लखनऊ सचिवालय में काम करता था. साल 2015 में वहां से निकाल दिया गया था. इसके बाद से अपना फर्जी परिचय पत्र और गाड़ी पर मजिस्ट्रेट का बोर्ड लगाकर लोगों को बेवकूफ बनाता था.
पुलिस मामले में कर रही है जांच
इसके बाद लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा लेता था. फिलहाल, आरोपी से पूछताछ के बाद बरामद फर्जी नंबर प्लेट, फर्जी आधार कार्ड और फर्जी कागजात मामले में थाना सिधारी में एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की जांच थाने के अधिकारी कर रहें है. साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या और लोग भी आरोपी के साथ ठगी करने शामिल थे. उनके बारे में जानकारी की जा रही है.