दिल्ली एनसीआर में डॉग बाइट को लेकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. कुछ दिन पहले गाजियाबाद में रेबीज से एक बच्चे की मौत हुई थी. नोएडा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले एक महीने के अंदर नोएडा में 9 हजार डॉग बाइट के केस दर्ज हुए.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी गौतमबुद्ध नगर डॉक्टर सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि अगस्त में नोएडा से अलग-अलग जानवरों द्वारा काटे जाने के लगभग 9671 मामले सामने आए हैं. जिसमें लगभग 9 हजार केस सिर्फ डॉग बाइट के हैं.
नोएडा से आए डॉग बाइट के 9 हजार केस
जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रोजाना 150 के आसपास लोग नोएडा के जिला अस्पताल में एंटी रेबीज का टीका लगवाने पहुंचते हैं. डॉक्टर सुशील शर्मा के मुताबिक अभी तक नोएडा में रेबिज का कोई मामला सामने नहीं आया है. कुत्तों के हमले से घायल हुए ज्यादातर लोग सरकारी अस्पताल और डिस्पेंसरी पहुंचते हैं. नोएडा की हाईटेक सोसायटी में भी कुत्तों का आतंक देखने को मिला है.
नोएडा की हाउसिंग सोसायटी और अलग-अलग सेक्टर के RWA ने नोएडा प्राधिकरण से आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाने की मांग की है. पिछले साल नोएडा के सेक्टर 100 स्तिथ लोटस ब्लू वर्ड सोसाइटी में रहने एक बच्चे पर सोसायटी के अंदर स्ट्रीट डॉग ने हमला कर मार दिया था.
गाजियाबाद में रेबीज से हुई थी एक बच्चे की मौत
हाल ही में जेपी अमन सोसायटी में एक रिटायर्ड IAS अफसर पर भी कुत्ते ने हमला किया था. जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गए थे. हालांकि नोएडा प्राधिकरण ने शहर के लिए नया डॉग पॉलिसी बनाई थी. जिसके तहत 6500 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ और 7500 स्ट्रीट डॉग की नसबंदी हुई.
एक कुत्ते की नसबंदी के लिए निजी एजेंसी को प्राधिकरण द्वारा एक हजार रुपये दिए गए थे. प्राधिकरण के मुताबिक नोएडा में आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों के रहने खाने और इलाज पर हर महीने 15 लाख रुपये तक का खर्च आता है. लेकिन इन सबके बावजूद डॉग बाइट के मामलों में कमी नहीं आई है.