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यूपी की 'लेडी सिंघम' DSP श्रेष्ठा ठाकुर सुर्खियों में हैं. उन्होंने अपने पूर्व पति रोहित राज पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने रोहित को अरेस्ट कर लिया है. शिकायत के मुताबिक, रोहित ने IRS अफसर बनकर 6 साल पहले मैट्रीमोनियल साइट के जरिए रेष्ठा ठाकुर से शादी रचाई थी. लेकिन बाद में पता चला कि रोहित ने झूठ बोलकर ये शादी की है. वो कोई IRS अफसर नहीं है.
इस खुलासे के बाद कुछ दिन तक तो श्रेष्ठा ठाकुर शांत रहीं लेकिन जब उन्हें पता चला कि रोहित उनके नाम से ठगी कर रहा है और लोगों से पैसे ऐंठ रहा है तो उन्होंने शादी के दो साल बाद उससे तलाक ले लिया. हालांकि, रोहित की हरकतें फिर भी बंद नहीं हुई. जिसके चलते श्रेष्ठा ठाकुर ने गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में अपने पूर्व पति पर मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसपर बीते दिन पुलिस ने उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया.
2018 में हुई शादी, दो साल बाद तलाक
जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में एक मैट्रीमोनियल साइट के जरिए DSP श्रेष्ठा ठाकुर की शादी हुई थी. श्रेष्ठा ने रोहित राज नाम के 2008 बैच के एक IRS अफसर से शादी की थी. लेकिन बाद में उन्होंने पाया कि रोहित की ये पहचान फर्जी है साथ ही रोहित उनके नाम पर लोगों से ठगी कर रहा है. इससे तंग आकर DSP श्रेष्ठा ठाकुर ने शादी के दो साल बाद अपने पति रोहित राज से तलाक ले लिया.
लेकिन इसके बावजूद उस धोखेबाज ने अपनी करतूत नहीं छोड़ी. वो महिला पुलिस अधिकारी के तैनाती वाले जिलों में जाकर उनके नाम पर ठगी करने लगा. वर्तमान वो गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में आकर रह रहा था. उसके द्वारा लोगों से ठगी करने की शिकायत लगातार मिल रही थी, इससे परेशान होकर श्रेष्ठा ठाकुर ने थाने में शिकायत दर्ज करा दी. जिसपर पुलिस ने आरोपी रोहित राज के खिलाफ केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया.
रोहित अपनी पहचान बदलकर शादी करने में सफल कैसे हुआ?
दरअसल, साल 2008 में रोहित राज नाम के एक दूसरे व्यक्ति का चयन IRS के लिए हुआ था. उसकी तैनाती बतौर डिप्टी कमिश्नर रांची में हुई. लेकिन जिस रोहित से DSP की शादी हुई थी, ये वो वाला रोहित नहीं था. दोनों में बस नाम की समानता थी. इस कारण से सारा उलटफेर हो गया.
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शादी को बचाए रखने के लिए श्रेष्ठा ठाकुर ने इस कड़वे घूंट को पीने का प्रयास किया था. लेकिन उनके पति की धोखाधड़ी की आदत बढ़ती गई. वो उनके नाम पर दूसरे लोगों से भी ठगी करने लगा. ऐसे में तंग आकर श्रेष्ठा ठाकुर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.
कौन हैं श्रेष्ठा ठाकुर?
श्रेष्ठा ठाकुर यूपी के उन्नाव जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने 2012 में UPPSC की परीक्षा पास की थी. UPPSC पास करने के बाद वो DSP बनीं. जल्द ही प्रदेश के चर्चित पुलिस अफसरों में उनकी गिनती होने लगी. श्रेष्ठा ठाकुर वर्तमान में शामली जिले में तैनात हैं.
साल 2017 में वो बुलंदशहर जिले में सर्किल ऑफिसर के पद पर तैनात थीं. इस दौरान चालान काटने को लेकर उनकी एक पार्टी के कार्यकर्ताओं से बीच सड़क जोरदार बहस हुई थी. जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था. बाद में उनका ट्रांसफर नेपाल बॉर्डर के पास बहराइच जिले में हो गया था. इस पर श्रेष्ठा ठाकुर ने फेसबुक पर था- जहां भी जाएगा, रौशनी लुटाएगा.. किसी चराग का अपना मकां नहीं होता.
दिलचस्प है पुलिस अफसर बनने की कहानी
बकौल श्रेष्ठा ठाकुर- वो कानपुर में पढ़ाई करतीं थीं. उस समय मनचले बदमाश लड़कियों से अक्सर छेड़छाड़ करते थे. ऐसी घटना कई लड़कियों के साथ हुई. उस समय श्रेष्ठा ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया था. इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि वो खुद पुलिस अफसर बनेंगी. उनके परिवार ने उनका पूरा सपोर्ट किया. इसकी वजह से वो साल 2012 में यूपी पीसीएस परीक्षा में सफल हुईं. इसके बाद डीएसपी बन गई.