बाहुबली हरिशंकर तिवारी (Bahubali Harishankar Tiwari) के बेटे पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है. ईडी की टीम ने आज कंपनी के कई ठिकानों पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया. कंपनी पर करीब 750 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है. इसी को लेकर आज ईडी ने गोरखपुर से लेकर गुरुग्राम तक छापेमारी की है. ईडी ने बीते नवंबर महीने में भी 72 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी.
जानकारी के अनुसार, ईडी लखनऊ जोन ने पीएमएलए की धारा 17 के तहत गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Gangotri Enterprises Limited) से संबंधित बैंक धोखाधड़ी ( Bank fraud) के मामले में तलाशी अभियान शुरू किया है. यह कंपनी सड़कों का निर्माण, टोल प्लाजा का संचालन और सरकारी अनुबंधों में काम करती है. इसके मेन प्रमोटर्स विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी और अजीत पांडे हैं.
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यह मामला 2012 से 2016 के बीच का है. कंपनी ने कई बैंकों के कंसोर्टियम से लगभग 750 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसमें धोखाधड़ी की गई. इस कंसोर्टियम का नेतृत्व बैंक ऑफ इंडिया कर रहा है.
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बता दें कि इससे पहले नवंबर महीने में ईडी ने मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड की करीब 72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. आज ईडी ने लखनऊ के साथ ही गोरखपुर, नोएडा, अहमदाबाद और गुरुग्राम में 10 परिसरों पर कार्रवाई को अंजाम दिया. फिलहाल तलाशी अभियान जारी है.
कार्रवाई को लेकर ईडी ने क्या कहा?
ईडी के मुताबिक, पिछले 10 साल में जो संपत्ति उन्होंने अर्जित की है, उसका ब्योरा खंगालने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. कंपनी के प्रमोटर विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश के पूर्व कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं.
गोरखपुर के बाहुबली नेता हैं हरिशंकर तिवारी
हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के बाहुबली नेता रहे हैं. पिछले कार्यकाल में वे बहुजन समाज पार्टी से विधायक थे. दो साल पहले साल 2021 में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. विजय शंकर तिवारी के पिता हरिशंकर तिवारी छह बार उत्तर प्रदेश के चिल्लू पार से विधायक रहे. विनय शंकर तिवारी भी चिल्लू पार से ही विधायक चुने गए थे.