उत्तर प्रदेश के कानपुर में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीसामऊ सीट से तीन बार विधायक रहे इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी सहित उनके करीबियों के ठिकाने पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा है. दोनों भाई इस समय जेल में बंद हैं. इरफान और उसके साथियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जबरन उगाही, सरकारी और निजी जमीन पर कब्जे, अवैध निर्माण जैसे कई मुकदमे दर्ज हैं.
PMLA की जांच में खुलासा हुआ है कि साल 2016 से 2022 के बीच MLA रहते हुए इरफान की संपत्ति में 282 प्रतिशत का इजाफा हुआ. शुरुआती तफ्तीश में खुलासा हुआ है कि इरफान सोलंकी के पास से बेहिसाब बेनामी संपत्ति है और फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया है.
10 करोड़ के बंगले में रहते हैं इरफान सोलंकी
साल 2015-16 और 2022-23 के बीच इरफान के एकाउंट से पता चला है कि उनमें करीब साढ़े 12 करोड़ रुपये कैश जमा किए गए, जबकि इनकम टैक्स रिटर्न महज 6 लाख रुपये का भरा गया. जांच में सामने आया है कि इरफान और उसका भाई रिजवान 1,000 स्क्वायर मीटर में बने तीन मंजिला अल्ट्रा लग्जरी बंगले में रहते हैं. इस बंगले की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है. वो भी अवैध तरीके से कमाए गए पैसों से खरीदा गया है.
घर से मिली डायरियां, करोड़ों के लेन-देन की जानकारी
इरफान सोलंकी के घर से कुछ डायरियां बरामद हुई हैं, जिनमें करीब 40 से 50 करोड़ रुपये के लेन-देन की जानकारी सामने आई है. इसके अलावा 5 करोड़ रुपये में मुंबई में खरीदी गई जमीन के कागजात भी बरामद किए गए हैं. इरफान के पास से 26 लाख रुपये कैश और कुछ डिजिटल डिवाइस बरामद की गई हैं, जिनकी फोरेंसिक टीम की मदद से जांच की जा रही है.
दंगों की फंडिंग के आरोपी हाजी वासी से साठगांठ
इरफान सोलंकी की बिल्डर शौकत अली और हाजी वासी खान के साथ साठगांठ है. हाजी वासी खान पर साल 2022 में कानपुर में हुई दंगे को फंडिंग करने का आरोप है. हाजी वासी खान और उसके गिरोह पर फर्जी कागजातों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से बसाने का आरोप भी है. हाजी वासी खान और उसके गुर्गों ओर गैंगस्टर एक्ट तक लगाया गया है.