उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब कुत्तों के शवों को दफनाया नहीं बल्कि जलाया जाएगा. लखनऊ में करीब चार करोड़ रुपये की लागत से आवारा कुत्तों के लिए विद्युत शव दाह गृह बनाया जा रहा है. इसमें एक साथ करीब 50 कुत्तों के शवों को डिस्पोज किया जा सकेगा.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ नगर निगम में ही अकेले आठ जोन हैं. इसमें हर दिन करीब 100 से अधिक मरे हुए कुत्तों को उठाने के लिए शिकायत आती है. इसके बाद उनको वहां से उठाकर शिवरी प्लांट लेकर जाया जाता है. फिर वहां खाली जगह में गड्ढा खोदकर उन्हें दफनाया जाता है. इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, अब नई व्यवस्था में इंसानिरेटर लगाने से यह विद्युत शव दाह गृह की तरह हो जाएगा.
50 कुत्तों का होगा एक साथ अंतिम संस्कार
यह प्लांट सीएनजी गैस से चलेगा साथ ही बिजली से भी इसको चलाया जा सकेगा. इसमें एक साथ करीब 50 कुत्तों के शवों को डिस्पोज किया जा सकेगा. इसमें पांच भट्टी लगाई जाएगी. हर भट्ठी की ट्रे में 10 मिनट तक कुत्तों के शव को रखा जा सकेंगा और दो घंटे तक यह मशीन चलेगी. इसमें 50 कुत्तों का एक साथ अंतिम संस्कार कर सकेंगे.
अवारा कुत्तों के शवों की समस्या हल हो जाएगी- अधिकारी
नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी अभिनव वर्मा ने बताया कि यह प्लांट लगाने से आवारा कुत्तों के शवों को लेकर जो समस्या थी वो हल हो जाएगी. अभी तक इसका कोई इंतजाम नहीं था. यह प्रस्ताव पास करने के बाद इसे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इससे प्रतिदिन होने वाले कुत्तों की मौत पर उनका निरस्तीकरण अब कम समय में जल्द से जल्द किया जा सकेगा.