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पहले दारोगा पर एक्शन, फिर जांच टीम भी बदली... कैसे एल्विश यादव केस में पलटता जा रहा पूरा सीन

एल्विश यादव केस में 48 घंटे में पूरा सीन पलट गया. पहले नोएडा में दारोगा पर एक्शन हुआ, फिर उस थाने से जांच हटाई गई. इससे पहले राजस्थान में पकड़े जाने के बाद भी पूछताछ तक नहीं हुई. आइए जानते हैं पूरा मामला...

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एल्विश यादव पर नोएडा में दर्ज है FIR
एल्विश यादव पर नोएडा में दर्ज है FIR

बिग बॉस (Big Boss) ओटीटी-2 जीतने के बाद से सुर्खियों में आए एल्विश यादव (Elvish Yadav) अब विवादों में घिर गए हैं. एल्विश समेत 6 लोगों पर रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने का आरोप है. उन सभी पर नोएडा के सेक्टर-49 में वन्य जीव अधिनियम के तहत केस दर्ज है. पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जबकि, राजस्थान में पूछताछ के बाद एल्विश को छोड़ दिया गया. इसके बाद खुद एल्विश ने वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी. हालांकि, जिस केस में एल्विश की गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही थी उस मामले में महज 48 घंटे में पूरा सीन बदल गया. 

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बता दें कि एल्विश समेत सभी आरोपियों पर रेव पार्टी आयोजित कराने व उसमें सांपों के जहर की सप्लाई करने वाले गिरोह से जुड़े होने का आरोप है. 3 नवंबर को वन्य जीव अधिनियम समेत दूसरी धाराओं में उनपर केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने 5 लोगों को कोबरा जैसे सांप और उनके जहर के साथ गिरफ्तार भी कर लिया है. इस गिरफ्तारी के बाद सबकी नजरें एल्विश पर थीं कि क्या पुलिस उन्हें भी पूछताछ के बुला सकती है या हिरासत में ले सकती है. 

पुलिस से हुआ आमना-सामना, फिर भी नहीं हुई गिरफ्तारी

इसी बीच एल्विश का आमना-सामना राजस्थान में पुलिस से हो गया. खबर फैली कि एल्विश को हिरासत में ले लिया गया है. लेकिन कुछ ही देर बाद छोड़ भी दिया गया. इस पर कोटा ग्रामीण के एडिशनल एसपी अरुण ने कहा कि एल्विश यादव को पूछताछ के लिए रोका गया था. इसके बाद नोएडा के संबंधित थाने के डीसीपी और एसीपी से बात की गई. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो अभी वांटेड नहीं है. जांच चल रही है. इसके बाद हमने उसको छोड़ दिया. 

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वहीं, घटनास्थल वाले इलाके के थाना अधिकारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के चलते हुए रूटीन चेकिंग के दौरान पंजाब नंबर की गाड़ी को रोका गया था. उसमें तीन-चार लोग सवार थे. पूछताछ में एक ने अपना नाम एल्विश यादव बताया था. इस बाबत नोएडा पुलिस से बातचीत की गई. उनके द्वारा मिली जानकारी के बाद उसे और उसके साथियों को छोड़ दिया गया.

जिस थाने में एल्विश पर केस हुआ वहां के दारोगा पर एक्शन 

राजस्थान में हुए इस घटनाक्रम के बाद एक और घटना हुई. बीते रविवार को नोएडा में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एक्शन लेते हुए थाना सेक्टर-49 प्रभारी संदीप सिंह चौधरी को लाइन हाजिर कर दिया गया. इस एक्शन पर पुलिस का कहना था कि थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र में अपराध नियंत्रण पर प्रभावी अंकुश न लगा पाने के कारण रिजर्व पुलिस लाइन स्थानांतरित किया गया है.

गौरतलब है कि थाना सेक्टर-49 में ही एल्विश सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया था. इसमें राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ का नाम शामिल है. 

सेक्टर-49 थाने से हटाई गई जांच

हालांकि, बात यही नहीं रुकी. एल्विश यादव मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने बड़ा कदम उठाते हुए जांच को थाना सेक्टर-49 से सेक्टर-20 थाने को ट्रांसफर कर दिया गया. कहा जा रहा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि जांच ठीक से नहीं हो रही थी. इसके कारण नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की किरकिरी हो रही थी. अब थाना सेक्टर-20 पुलिस मामले की जांच करेगी. सब इंस्पेक्टर की जगह इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी मामले की जांच करेंगे. 

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इस तरह देखा जा सकता है कि कैसे एल्विश यादव केस में 48 घंटे में पूरा सीन पलट गया. पहले दारोगा पर एक्शन हुआ, फिर थाने से जांच हटाई गई. इससे पहले राजस्थान में पकड़े जाने के बाद भी पूछताछ तक नहीं हुई. फिलहाल, पुलिस इस केस की जांच में जुटी हुई है. एल्विश ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही आरोप लगाने वालीं बीजेपी की सांसद मेनका गांधी पर लीगल एक्शन की बात कही है.   

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