उत्तर प्रदेश के बलिया (Balia) में 27 शिक्षकों और कर्मचारियों को जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) ने अवैध तरीके से वेतन का भुगतान कर दिया. यह मामला सामने आने के बाद डीआईओएस को निलंबित कर दिया गया है. यह निलंबन आदेश शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने जारी किया है.
एजेंसी के अनुसार, निलंबित अधिकारी रमेश सिंह वर्तमान में मऊ जिले में जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में तैनात थे. बलिया के डीआईओएस देवेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि रमेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई 17 अक्टूबर 2023 को आजमगढ़ के संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट के आधार पर की गई.
रिपोर्ट में आरोप था कि रमेश सिंह ने बलिया के चार स्कूलों में फर्जी नियुक्तियों की मंजूरी दी थी, जिससे 27 शिक्षकों और कर्मचारियों को अवैध तरीके से वेतन का भुगतान किया जा रहा था. यह अनियमितता जब सामने आई तो राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए.
यह भी पढ़ें: लाल डायरी के राज और फर्जी नियुक्तियां... वो घोटाला जिसमें ED ने AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को किया गिरफ्तार
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रमेश सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नियुक्तियों को मंजूरी दी, जिससे सरकारी खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ. इस प्रक्रिया में उन्होंने बिना किसी वैध दस्तावेज या सही प्रक्रिया का पालन किए इन शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों को स्वीकृति दी.
इस साल जून में रमेश सिंह का स्थानांतरण बलिया से मऊ जिले में किया गया था. हालांकि उनके बलिया कार्यकाल के दौरान की गई अनियमितताओं के चलते यह जांच शुरू हुई. आजमगढ़ के संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा की गई जांच के बाद रमेश सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और उन्हें निलंबित कर दिया गया.
विभागीय जांच के बाद हुआ एक्शन
इससे पहले भी इस प्रकार के मामलों में विभागीय जांच और निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है. इस मामले ने विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
वर्तमान में शिक्षा विभाग इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है. संभावना है कि भविष्य में और भी अधिकारी या कर्मचारी जांच के दायरे में आ सकते हैं. राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है.
रमेश सिंह के निलंबन के बाद अब मऊ जिले में नए जिला विद्यालय निरीक्षक की तैनाती की जाएगी, साथ ही, बलिया जिले में भी शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि इस प्रकार के अवैध वेतन भुगतान के मामलों को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके.