दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. इस कॉल सेंटर के जरिए ठग लोगों को लोन और इश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर चूना लगाते थे. अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि धोखाधड़ी के आरोप में नौ महिलाओं सहित ग्यारह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
10 हजार लोगों का खरीदा था डेटा
न्यूज एजेंसी के मुताबिक नोएडा पुलिस ने बताया कि गिरोह के पास 10 हजार लोगों का डेटा था. सेक्टर 51 के एक मार्केट की चौथी मंजिल पर बने इस फर्जी कॉल सेंटर से यह गिरोह ठगी का काम करता था. अपराध रोकने वाली टीम (सीआरटी) और स्थानीय सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में इसका भंडाफोड़ किया.
इसको लेकर पुलिस आयुक्त (डीसीपी) शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा, 'फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई स्थानीय खुफिया जानकारी और गोपनीय जानकारी के आधार पर की गई. आरोपी ऋण और बीमा पॉलिसी की आड़ में दिल्ली एनसीआर में लोगों को निशाना बना रहे थे. उनके पास 10,000 लोगों का डेटा था.'
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मुख्य आरोपी आशीष कुमार उर्फ अमित और जितेंद्र वर्मा उर्फ अभिषेक के रूप में की है. गिरफ्तार की गई नौ महिलाओं की पहचान निशा उर्फ स्नेहा, रेजू उर्फ दिव्या, लवली यादव उर्फ स्वेता, पूनम उर्फ पूजा, आरती कुमारी उर्फ अनन्या, काजल कुमारी उर्फ सुरती, सरिता उर्फ सुमन, बबीता पटेल उर्फ माही और गरिमा चौहान उर्फ सोनिया के रूप में हुई है. अवस्थी ने कहा कि पुलिस को उनके खिलाफ झारखंड के रांची में भी एक मामला मिला है.
बीमा और लोन के नाम पर लोगों को बनाते थे शिकार
पुलिस प्रवक्ता ने कहा,'गिरोह ने एनसीआर के बाहर के राज्यों के लोगों को लोन और इश्योरेंस पॉलिसियों के माध्यम से उन्हें अच्छे और हाई रिटर्न का प्रलोभन दिया और उसके बदले उनसे पैसे ठग लिए. महिलाएं इस ठगी में आशीष और जितेंद्र की मदद करते थे और इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था.
अधिकारी ने आगे खुलासा किया कि ठगों ने कर्नाटक में अरविंद नाम के एक व्यक्ति से 10,000 रुपये प्रति माह पर किराए पर लिए गए पीएनबी बैंक खाते का इस्तेमाल किया, मुख्य आरोपियों ने अपने पास मौजूद एटीएम कार्ड का उपयोग करके इस खाते से पैसे भी निकाले.
पुलिस ने कहा, आशीष ने वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड रखने वाली एक काली डायरी भी है जिसमें ठगी के पैसों का हिसाब है जो उसने अपने सहयोगियों के साथ बांटा था. रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य आरोपी. 'आशीष और जितेंद्र ने 2019 में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के लिए काम करने के बाद इस धोखाधड़ी शुरू की. उन्होंने इंडिया मार्ट से लगभग 10,000 लोगों का डेटा 2,500 रुपये में खरीदा और पूरे भारत में लोगों को कॉल करना शुरू कर दिया. लोन और बीमा की पेशकश के बहाने लोगों को चूना लगाया.
नकली आधार कार्ड के जरिए खरीदते थे सिम
इतना ही नहीं आरोपियों को नकली आधार कार्ड के माध्यम से सिम कार्ड लेकर फर्जी नंबरों का इस्तेमाल करते हुए भी पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक, इन सिम कार्डों का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर के बाहर अनजान लोगों को निशाना बनाते समय अपनी वास्तविक पहचान छिपाने के लिए किया जाता था. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को स्थानीय मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.