फिरोजाबाद में पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर नकली नोट छापकर बाजार में बेचने वाले 5 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को इनके पास से ₹297000 के जाली नोट, कंप्यूटर, कलर प्रिंटर और नोट छापने वाले कागज बरामद किए. बताया जा रहा है कि इन शातिर बदमाशों ने अब तक लाखों के नकली नोट बाजार में चलाए हैं.
पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि अबतक इस गैंग के 13 सदस्यों को पकड़ा जा चुका है, 8 अभी भी फरार हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. गैंग का मुख्य सरगना तेजेंद्र ऊर्फ काका दिल्ली का रहने वाला है और कई बार तिहाड़ जेल जा चुका हैं. जहां से उसने कोरल सॉफ्टवेयर पर नकली नोट छापने का तरीका सिखा था.
तेजेंद्र साल 2000 में पहली बार जेल गया था. उसके बाद से लगातार जाली नोट छापने के काम में लग गया था. बदमाश 100, 50 और 500 के नोट ही छापा करते थे क्योंकि इन्हें बाजार में चलाना काफी आसान था. तजेंद्र पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई थानों में 16 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
तजेंद्र उर्फ काका के परिवार के नाम पर दो बहनें हैं, जिनकी कई साल पहले पंजाब में शादी हो चुकी है. इसके बाद वह जगह-जगह घूूूमता और नए लोगों के साथ नकली नोट छापता था. 10 मार्च 2021 को शिकोहाबाद पुलिस ने उसे पांच साथियों के साथ जेल भेजा था.
जेल में उसकी मुलाकात टूंडला के कुख्यात गैंगस्टर विकास उर्फ विक्की बाक्सर से हुई. विक्की ने उसे अपना शिष्य बना लिया था. उसके बाद से वो नकली नोट छापने वाला सबसे बड़ा सरगना बन गया.