यूपी के बरेली में एक स्थानीय अदालत ने 10 साल की बच्ची की हत्या के मामले में उसके माता-पिता और बुआ को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी रवि बाबू, उनकी पत्नी रितु और बहन राधा देवी को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची को ममेरे भाई ने इंसाफ दिलाई है. मृतका के भाई सूरज की गवाही से दोषियों को सजा मिल सकी. मृतक काजल, आरोपी रवि बाबू और रितु की ही बेटी थी.
सरकारी वकील सचिन कुमार जायसवाल के अनुसार, हत्या का कारण परिवार के भीतर चल रहा अवैध संबंध था, जिसका काजल विरोध कर रही थी. काजल ने इस रिश्ते को उजागर करने की धमकी दी थी, जिससे नाराज होकर उसके माता-पिता और बुआ ने उसकी हत्या कर दी.
ऐसे हुआ हत्या का खुलासा
यह दिल दहला देने वाली घटना 20 अगस्त 2020 को हुई थी, जब काजल के ममेरे भाई सूरज ने इज्जतनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. सूरज, जो उस समय 17 साल का था, बचपन से ही अपने मामा रवि बाबू के परिवार के साथ रह रहा था और एक बढ़ई (कारपेंटर) के रूप में काम करता था.
घटना के दिन, रवि बाबू ने अपने मालिक को फोन कर बताया कि उनका कुत्ता मर गया है और उसे दफनाने के लिए मदद चाहिए. जब सूरज अपने मामा के घर पहुंचा, तो उसने देखा कि रवि बाबू, उसकी मां राधा देवी और मामी रितु मिलकर आंगन में एक गड्ढा खोद रहे थे और उसमें काजल का शव दफना रहे थे.
ममेरे भाई ने दिलाया इंसाफ
यह देखकर सूरज चौंक गया और उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और गड्ढे से काजल का शव बरामद किया. सरकारी वकील जायसवाल के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में काजल के शरीर पर आठ घावों के निशान मिले और उसकी कलाई की हड्डी दो जगह से टूटी हुई थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.