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अतीक के शूटर गुलाम का शव लेने से परिवार ने किया मना, जानिए अब क्या करेगी पुलिस

उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था. अब शूटर गुलाम के परिजनों ने उसके शव को लेने से इनकार कर दिया है. उसकी मां ने कहा कि उन्हें बेटे की डेड बॉडी नहीं चाहिए, ऐसे में आखिर अब पुलिस क्या करेगी और गुलाम का अंतिम संस्कार कैसे होगा.

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अतीक के शूटर गुलाम का शव लेने से परिजनों ने किया इनकार
अतीक के शूटर गुलाम का शव लेने से परिजनों ने किया इनकार

उमेश पाल हत्याकांड  (Umesh Pal Murder Case) में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद (Asad Ahmed) और शूटर गुलाम को गुरुवार को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने एक मुठभेड़ में मार गिराया. अब दोनों के अंतिम संस्कार (दफनाने) की तैयारी चल रही है जिसके लिए कब्र खोदी जा रही है. हालांकि इसी बीच शूटर गुलाम के परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया है.

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गुलाम के भाई राहिल हसन और उसकी मां खुसनुदा ने कहा कि हम गुलाम का शव नहीं लेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हम उसका अंतिम संस्कार भी नहीं करेंगे. मां ने उसके सामने हाथ जोड़े थे कि सुधर जाओ, लेकिन वो नहीं माना. मुझे उसका शव नहीं चाहिए.

गुलाम के भाई ने क्या कहा?

मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल ने कहा कि हम लोग शव लेने नहीं जाएंगे. उसने बहुत ही गलत काम किया है. उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. सब लोग अच्छे से काम कर रहे थे. पुलिस ने जो किया, वो सही किया है.

अब यह करेगी पुलिस 

अब ऐसे में सवाल उठता है कि अगर गुलाम के परिजन उसका शव नहीं लेंगे तो उस शव का क्या होगा, क्या पुलिस उसका अंतिम संस्कार करेगी? नाम ना छापने के आग्रह पर यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अगर शव लावारिश है, उसकी पहचान नहीं हो पायी है या फिर उस पर कोई दावा नहीं करता तो पुलिस एक प्रकिया अपनाती है.

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इस प्रकिया के तहत पुलिस के पास एक फंड होता है जिससे उस व्यक्ति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर शव की शिनाख्त भी हो चुकी है, उस लोग जानते भी हैं और फिर भी परिवार शव लेने से इनकार कर दे तो उस शव का क्या होगा.

यूपी पुलिस के अधिकार ने बताया, 'अगर कोई दुर्दांत अपराधी है और वो मारा गया है, लेकिन परिजन शव स्वीकार नहीं कर रहे है तो इसके लिए अलग नियम अपनाया जाता है.' 

पुलिस ऐसे मामले में परिवार से एक सहमति पत्र पर सिग्नेचर करवाती है कि वो उस शव को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं. इसके बाद पुलिस फिर अपने फंड से उस व्यक्ति के धर्म और मान्यता के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर देती है.

सहमति पत्र क्यों लेती है पुलिस

पुलिस ऐसे मामलों में परिवार से सहमति पत्र इसलिए लेती है ताकि भविष्य में परिजन कोर्ट में जाकर पुलिस पर ये आरोप ना लगाएं कि उन्हें शव नहीं दिया गया या इसकी जानकारी नहीं मिली थी.

बता दें कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में फरार चल रहा असद अहमद (Asad Ahmed) 13 अप्रैल को हुए एनकाउंटर में मारा गया था. यूपी STF ने झांसी के पास माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) के बेटे असद को मार गिराया था. असद के साथ शूटर मोहम्मद गुलाम भी मारा गया था. दोनों के पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं.
 

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24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या

24 फरवरी 2023 को हत्याकांड वाले दिन गुलाम दुकान में ग्राहक बनकर उमेश पाल का इंतजार कर रहा था और जैसे ही वो वहां पहुंचा गुलाम ने दुकान से निकलकर उस पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी थी. इस दौरान असद ने भी उमेश पाल पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी और ये पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी.

 

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