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लखनऊ में 7 पुलिसकर्मियों पर FIR, वकीलों से मारपीट और झूठे केस में फंसाने का आरोप

लखनऊ में कुछ अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. पुलिसकर्मियों पर वकीलों के साथ मारपीट और झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही रातभर थाने में बैठाकर रखने और बुरा बर्ताव करने की शिकायत भी की गई. वकीलों का कहना है कि पुलिसवालों ने इतना पीटा कि कई साथ बुरी तरह से घायल हो गए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पुलिस ने कई पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराया है. इनमें से सात नामजद आरोपी हैं. इन सभी पर कुछ अधिवक्ताओं को पिटाने और फर्जी केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़ित अधिवक्ताओं का ग्रुप 23 फरवरी को समिट बिल्डिंग में डिनर के लिए गया था. 

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इसी दौरान वहां सब इंस्पेक्टर राहुल बलियान किसी दो लोगों के बीच लड़ाई को लेकर सूचना लेने पहुंचे थे. अधिवक्ता अभिषेक सिंह चौहान, रोहित रावत, अभिषेक पांडेय और मुकुल सिंह सहित अन्य ने विभुति खंड थाना में  शिकायत दर्ज कराई है कि  बुधवार की रात विभुति खंड इलाके के गोमतीनगर में कुछ पुलिसकर्मियों ने उन सभी लोगों के साथ मारपीट की है. 

पुलिस की पिटाई से किसी की टूटी हाथ, तो किसी की नाम जख्मी 
एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस कर्मियों की पिटाई से रोहित रावत का हाथ टूट गया, जबकि चौहान की नाक में चोट आई है. अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनलोगों के साथ काफी बुरा बर्ताव किया और जबरदस्ती थाने में पूरी रात बैठा कर रखा. साथ ही बुधवार की रात हुई लड़ाई में भी फंसा दिया गया. 

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सात नामजद सहित कई अज्ञात पर मामला दर्ज 
एजेंसी से मिली सूचना के अनुसार सब इंस्पेक्टर राहुल बलियान, जसिम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूलचंद, रितेश दूबे, विनय गुप्ता और सिपाही एके पांडेय सहित अन्य 10-12 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ इस मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. 
 

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