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फर्जी बेल ऑर्डर लगाकर वाराणसी जेल से रिहा हो गया ठग, जेलर ने दिए जांच के आदेश

दरअसल, जिस केस के बेल ऑर्डर को दिखाकर ठग वाराणसी जेल से रिहा हुआ, अलीगढ़ के उसी केस में जमानत पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. यानी हाई कोर्ट से अभी जमानत लेनी है लेकिन आरोपी पहले ही जेल से रिहा हो चुका है. 

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

उत्तर प्रदेश की वाराणसी जेल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, जिस केस में आरोपी की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उसी केस में आरोपी को निचली अदालत का फर्जी बेल ऑर्डर लगाकर जेल से रिहा कर दिया गया. 

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आपको बता दें कि वाराणसी जेल में बंद अलीगढ़ के साइबर ठग ने ये कारनामा किया है. जिस केस के बेल ऑर्डर को दिखाकर वह वाराणसी जेल से रिहा हुआ, अलीगढ़ के उसी केस में जमानत पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. यानी हाई कोर्ट से अभी जमानत लेनी है लेकिन आरोपी पहले ही जेल से रिहा हो चुका है. 

अलीगढ़ के साइबर थाना पुलिस ने 23 नवंबर 2023 को इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी का एक केस दर्ज किया. क्राइम नंबर 16/23 पर दर्ज इस केस में पुलिस ने जांच के बाद 24 फरवरी 2024 को हाथरस के रहने वाले सुनील कुमार को गिरफ्तार किया. सुनील को अलीगढ़ जेल भेज दिया गया. इसी बीच वाराणसी के साइबर थाने में दर्ज एक दूसरे केस 19 /2023 में सुनील कुमार को आरोपी बनाया गया. फिर वाराणसी कोर्ट से वारंट जारी करवा कर उसे अलीगढ़ से वाराणसी जेल भेज दिया गया. 

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अलीगढ़ में दर्ज साइबर ठगी के केस 16/2023 में सुनील कुमार की तरफ से जमानत की अर्जी डाली गई, जिसे अलीगढ़ के ADJ- 1 की कोर्ट ने 10 जून 2024 को खारिज कर दिया. अलीगढ़ की एडीजे कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद सुनील की बेल के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई. 

इसके बाद वाराणसी जेल को 21 फरवरी 2025 को अलीगढ़ के एसीजेएम-4 के बेल ऑर्डर भेजा जाता है, जिसमें सुनील को अलीगढ़ के केस 16/2023 में जमानत मिलने और जेल से रिहा करने का ऑर्डर रिसीव कराया जाता है. 

यह अलग बात है कि अलीगढ़ की जिस निचली अदालत एसीजेएम-4 से जमानत देने का ऑर्डर वाराणसी जेल को मिला उससे ऊपर की अदालत एडीजे कोर्ट, सुनील कुमार के बेल जून 24 में ही रिजेक्ट कर चुकी थी. लेकिन इस पर वाराणसी जेल प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. लेकिन सुनील कुमार को वाराणसी के केस 19/2023 में जमानत नहीं मिली थी. 

सुनील कुमार को वाराणसी के इस केस में भी 6 मार्च 2025 को एसीजेएम फर्स्ट के कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत और रिहाई का आदेश वाराणसी जेल को भेज दिया गया और अगले ही दिन यानी 7 मार्च 2025 को सुनील कुमार जेल से बाहर हो गया. 

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लेकिन अलीगढ़ के जिस केस में सुनील कुमार ने फरवरी महीने में जमानत लेना बताया था, अलीगढ़ के उसी केस 16/23 पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई हो रही है. 

नियमित सुनील को अगर अलीगढ़ के केस में जमानत मिली तो इसकी जानकारी अलीगढ़ के साइबर थाने को होनी चाहिए, लेकिन नाम ना छापने की शर्त पर दी गई जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ के साइबर थाने का उनका मुलजिम वाराणसी जेल में बंद है, उसको अभी जमानत नहीं मिली है. 

वहीं, दूसरी तरफ जब अलीगढ़ की एडीजे कोर्ट (सीनियर कोर्ट) ने जमानत खारिज कर दी तो जमानत सिर्फ हाई कोर्ट दे सकता है, लेकिन वाराणसी जेल को जो आर्डर मिला वह निचली अदालत एसीजेएम का दिया गया. 

वाराणसी जेल में फर्जी बेल ऑर्डर पर कैदी के रिहा होने का यह पूरा मामला उसी जेल अधीक्षक उमेश सिंह के कार्यकाल का है जिसपर हाल ही में महिला डिप्टी जेलर ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसके बाद उमेश सिंह का तबादला सोनभद्र जेल कर दिया गया.  

फिलहाल इस मामले में वाराणसी के नए जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि वह इस मामले में जांच कर रहे हैं, आखिर यह कैसे हुआ, किस स्तर पर लापरवाही हुई. इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजेंगे और मुख्यालय स्तर पर इस केस में कार्रवाई होगी. 

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