वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में आज जुमे की नमाज सकुशल संपन्न हो गई. हल्द्वानी की घटना को देखते हुए सड़कों पर आज भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी. इसके अलावा बैरिकेडिंग भी लगाया गया था. हालांकि, पिछली बार की तुलना में इस बार जुमे पर न तो मुस्लिम बहुल इलाकों में दुकाने बंद थीं, न ही कहीं विरोध का स्वर और नारेबाजी सुनाई पड़ी.
इस बार ज्ञानवापी मस्जिद में नमाजियों की संख्या ज्यादा नहीं होने की वजह से उनको लौटाया नहीं गया. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सकुशल शांतिपूर्वक जुमे की नमाज संपन्न हुई. वहीं, नमाज अदा करके निकले नमाजियों और व्यवस्था में लगे मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि गंगा जमुना तहजीब की बड़ी मिसाल देखने को मिली.
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एक तरफ नमाजी, तो दूसरी तरफ से निकले भक्त
एक तरफ नमाजी नमाज अदा करके निकल रहे थे, तो दूसरी तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करके भक्त दर्शन आरती करके लौट रहे थे. मालूम हो कि पिछले हफ्ते वाराणसी की जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने की बैरिकेडिंग हटाकर पूजा पाठ करने का आदेश दे दिया था. यह फैसला शैलेंद्र पाठक की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिया था.
इसके कुछ ही घंटे बाद वाराणसी के पुलिस-प्रशासन ने कोर्ट के फैसले का पालन भी कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले और इसके अनुपालन को लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश भी देखने को मिला था. इसके खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों की दुकान पिछले शुक्रवार जुमे की नमाज वाले दिन बंद थीं.
पूरे वाराणसी में शांति के साथ हुई जुमे की नमाज- कमिश्नर
इसके अलावा नमाज के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के आस-पास के इलाकों में नारेबाजी भी हुई थी. मगर, इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला और ज्ञानवापी मस्जिद में क्षमता से कम नमाजी पहुंचे थे. लिहाजा, उनको लौटाया नहीं गया, जबकि पिछली बार भारी भीड़ के चलते नमाजियों को मस्जिद कमेटी ने मस्जिद में नमाज पढ़ने से ही लौटा दिया था. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने बताया कि जुमे की नमाज पूरे बनारस में अलग-अलग जगह पर शांतिपूर्वक संपन्न हो गई है.