उत्तर प्रदेश के महोबा की हस्तशिल्प कला ने जिले को बड़ी पहचान दी है. 9 सितंबर से दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें शामिल होने आ रहे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को स्मृति चिह्न के रूप में महोबा में बनाए गए पीतल के 'पुष्पकमल' भेंट किए जाएंगे. मेहमानों को भेंट किए जाने वाले पुष्पकमल कुलपहाड़ के मेटल आर्टिस्ट मनमोहन सोनी ने तैयार किए हैं. महोबा में तैयार ये स्पेशल गिफ्ट जो बाइडेन और ऋषि सुनक समेत अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भेंट किए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम ने मनमोहन के बनाए पुष्पकमल को 8 महीने पहले चयनित कर लिया था. मनमोहन को यूपीएचएमडीसी ने 50 कमलकृतियों को तैयार करने का ऑर्डर दिया था, जिन्हें बनाकर आज भेज दिया गया है. यह क्षण महोबा ही नहीं, बल्कि पूरे बुंदेलखंड को गौरवान्वित होने का है.
दिल्ली भेज दी गईं हैं पुष्पकमल की कलाकृतियां
G-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले पुष्पकमल की कलाकृतियों को बनाकर आज दिल्ली भेज दिया गया है. साल 1998 में राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार, 1997 में नेशनल मेरिट अवार्ड व 2012 में नेशनल अवार्ड जीतने वाले मनमोहन सोनी पीतल की कलाकृतियां गढ़ने के माहिर हैं. मनमोहन 2012 में अपनी कलाकृतियों की मॉस्को में प्रदर्शनी लगा चुके हैं. देश के सभी प्रमुख शहरों, महानगरों व हस्तशिल्प मेलों में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर चुके हैं.
पीएम मोदी को पसंद आए थे मनमोहन के पुष्पकमल
मनमोहन सोनी के बनाए पुष्पकमल उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने 2016 में महोबा में आयोजित परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किए थे, तब पीएम मोदी ने इन्हें बेहद पसंद किया था. शिल्पकार मनमोहन सोनी अपने पिता के समय से पीतल की कलाकृतियों को बनाते चले आ रहे हैं.
एक महीने में तैयार किए हैं 50 सेट कमलकृति
शिल्पकार मनमोहन सोनी द्वारा तैयार की गई पीतल की कमलकृति पांच इंच की है. इसमें 8 बड़ी व 8 छोटी पंखुड़ियों समेत 16 पंखुड़ियां हैं. इस कमलपुष्प को जब खोलते हैं तो सभी पंखुड़ियां खिली अवस्था में नजर आती हैं. इसे बंद करने पर सभी पंखुड़ी अंदर बंद हो जाती हैं. कमल की केवल कली नजर आती है. मनमोहन सोनी को 50 सेट कमलकृति तैयार करने में एक माह लगा है. उनका पूरा परिवार पीतल की नयनाभिराम कलाकृतियां गढ़ने के लिए जाना जाता है.
मनमोहन के भाई भी जीत चुके हैं अवार्ड
मनमोहन के बड़े भाई कल्याणदास भी नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं. उनके छोटे भाई आजाद व शिवकुमार भी स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं. मनमोहन के काम में घर की महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर सहयोग करती हैं. लोगों का कहना है कि मनमोहन की कमलकृति को दुनियाभर के दिग्गज राष्ट्राध्यक्षों को स्मृतिचिह्न के रूप में भेंट किया जाना बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है. G-20 सम्मेलन में इन कमलपुष्प को बनाकर भेजा गया है.