कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया है. यूपी एसटीएफ ने इस कार्रवाई को मेरठ में अंजाम दिया है. दुजाना 10 अप्रैल को जमानत पर बाहर आया था. जेल से रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं. एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि वो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके चलते उसकी तलाश शुरू की. इसी बीच इनपुट मिला कि स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर गैंगस्टर अपने गुर्गों से मिलने मेरठ में जा रहा है. इस पर एसटीएफ ने घेराबंदी की. एसटीएफ को देखते ही गैंगस्टर ने फायरिंग शुरू कर दी. उसने करीब 15 राउंड फायरिंग की. एसटीएफ की तरफ से 6 राउंड जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें वो मारा गया.
दुजाना पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 60 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं. इसमें गैंगस्टर के खिलाफ नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और उगाही जैसे संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज हैं.
साहिबाबाद में एक शादी समारोह में किया था शूट आउट
दिल्ली और यूपी की पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. बीते साल दिल्ली पुलिस ने दुजाना और उसके दो साथियों को गिरफ्तार भी किया था. दुजाना गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है. साल 2011 में उसके गैंग ने साहिबाबाद में एक शादी समारोह में शूट आउट किया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.
बुलेटप्रूफ जैकेट में दुजाना को कोर्ट ले जाती थी पुलिस
गैंगस्टर दुजाना की कुख्यात माफिया सुंदर भाटी और उसके गैंग से रंजिश रही है. इस रंजिश में कई हत्याएं हो चुकी हैं. साल 2012 में दुजाना और उसके गैंग ने सुंदर भाटी और उसके करीबियों पर AK-47 राइफल से हमला किया था. ये दोनों गैंग सरकारी ठेकों, सरिया की चोरी और टोल के ठेकों को लेकर अक्सर आमने-सामने आते रहे हैं. यही वजह थी कि पुलिस उसको पेशी पर ले जाते समय बुलेटप्रूफ जैकेट देती थी.
नरेश भाटी की हत्या के बाद दुजाना ने सुंदर पर किया हमला
अनिल दुजाना गैंगस्टर नरेश भाटी का करीबी और शूटर था. नरेश की हत्या सुंदर भाटी ने करवाई थी. इसके बाद बदला लेने के लिए अनिल ने सुंदर पर हमला किया था. यहीं से दोनों के बीच अदावत का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें कई बार गोलियां चलीं. फिलहाल दुजाना ही नरेश भाटी गैंग की कमान संभाल रहा था.
दुजाना को पश्चिम यूपी में छोटा शकील कहा जाता था
गैंगस्टर का खौफ कुछ इस कदर था कि उसे अपराध जगत खासकर पश्चिम यूपी में छोटा शकील कहा जाता था. कहा जाता है कि जिसने भी उसके खिलाफ आवाज उठाई, दुजाना ने उसकी हत्या करवा दी. कोई भी उसके खिलाफ बोलने से भी डरता था.
अपराध के खिलाफ सूबे के मुखिया की जीरो टॉलरेंस की मुहिम
गौरतलब है कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक गिरोहों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मुहिम छेड़ रखी है. कई बार वो दो टूक कह चुके हैं कि माफिया अपराध करने से तौबा कर लें, वरना उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी क्रम में कई अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो भी चुकी है.
बीते दिनों ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सुरक्षित माहौल का जिक्र करते हुए अपराधी और माफिया पर करारा प्रहार किया था. सीएम योगी ने कहा कि आज माफिया कहता है जान बख्श दो, ठेला लगाकर जीवन जी लूंगा. छह साल पहले प्रदेश में अपराधी-माफिया तनकर चलते थे. उनके लिए सड़क खाली हो जाती थी.
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कहा कि पुलिस भी उनसे डरती थी. हमने धर्म चक्र को ऐसा घुमाया है कि अपराधी और माफिया गले में तख्ती लटकाकर जान की भीख मांगते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. अब माफिया की जुर्रत नहीं है कि वह तनकर चल पाए. अब माफिया के लिए सड़क खाली नहीं होती है और वह खाली भी नहीं करवाता है. उसे डर है कि सड़क खाली हुई, तो पता नहीं क्या हो जाएगा.