उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी द्वारा कविनगर थाने में एक लोहा कारोबारी के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया गया है. वीके सिंह की बेटी योगजा सिंह का आरोप है कि कारोबारी आनंद प्रकाश द्वारा मकान बेचने के नाम पर उनके साथ 3.38 करोड़ का फ्रॉड किया गया है. मिली शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा कारोबारी के खिलाफ IPC 1860 की धारा 420 और 406 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू की गई है. हालांकि आनंद प्रकाश ने मकान बेचने की बात से ही इंकार कर दिया है और योगजा के किराएदार होने की बात कही है.
'14 जून 2014 को तय हुआ मकान का सौदा'
दर्ज एफआईआर के अनुसार योगजा सिंह ने गाजियाबाद के राजनगर इलाके में एक मकान को खरीदने का सौदा आनंद प्रकाश के साथ किया था. मकान का सौदा पांच करोड़ पचास लाख रुपए में मौखिक रूप से 14 जून 2014 को तय किया गया था जिसके लिए बतौर बयाना 10 लाख रुपए की रकम भी उनके द्वारा आनंद प्रकाश को दी गई थी और बाकी की रकम धीरे-धीरे दिए जाने की बात तय हुई थी.
'एक- एक कर चुकाए तीन करोड़'
मकान का रिनोवेशन आनंद प्रकाश द्वारा कराया गया था जिसके लिए योगजा सिंह ने 4,45,000 का पोस्ट डेटिड चेक भी दिया था. इसके बाद उन्हें मकान पर कब्जा दे दिया गया था और अभी योगजा सिंह ही यहां रह रही हैं. 13 फरवरी 2017 को आनंद प्रकाश के साथ उनका मकान खरीदने को लोन लेने के लिए एक लिखित एग्रीमेंट भी हुआ था .जिसके बाद 14 फरवरी 2017 को उनके द्वारा आनंद के अकॉउंट में 33,50,000 रुपए ट्रांसफर किए गए.
योगजा के अनुसार 1 - 1 करोड़ करके 3 करोड़ रुपए की रकम भी उनके द्वारा 3 अलग अलग बार में आनंद प्रकाश को दी गई जबकि बाकी के 2 करोड़ की रकम लोन द्वारा दी जानी थी. लेकिन जब उनका 2 करोड़ का लोन एक बैंक से सेंक्शन हो गया और मकान की रजिस्ट्री करने के लिए उनके द्वारा दूसरे पक्ष को कहा गया तो प्रकाश मुकर गए .
पैसे लेकर नहीं की मकान की रजिस्ट्री
आरोप है कि 3 करोड़ 48 लाख रुपए की रकम लेने के बाद भी आरोपी आनंद प्रकाश ने मकान की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं की और इस तरह उनके साथ धोखाधड़ी की गई और उनकी रकम हड़प ली गई. वहीं किराए की फर्जी रसीदें बनाकर उन्हें घर से निकालने की नीयत से आरोपी द्वारा एक वाद न्यायालय अपर जिला अधिकारी गाजियाबाद के न्यायालय में उनके विरुद्ध आवेदन डाला गया है.
आरोपी ने कहा- बेचा नहीं, किराए पर दिया था मकान
इधर, इस मामले में कारोबारी आनंद प्रकाश ने बताया है कि उनके मकान को उन्होंने जनरल वीके सिंह को 25 हजार रुपए महीने के किराए पर दिया था और इसको बेचने का सौदा नहीं किया गया था. एक साल तक उसे किराया दिया गया और एक साल के बाद उसे मकान का किराया नहीं दिया गया. बाद में उसे 1 करोड़ रुपए ड्राफ्ट से दिए गए लेकिन वो मकान खरीदने के लिए नहीं बल्कि बकाया किराए के लिए दिए गए थे. फिलहाल उनका विवाद कोर्ट में चल रहा है और मामले में जो कोर्ट निर्णय देगा उन्हें मंजूर होगा.
मामले में एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि योगजा सिंह द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है और अब मामले में विवेचना चल रही है.