गाजियाबाद के कविनगर थाना इलाके में गैंगरेप की एक सनसनीखेज शिकायत कराई गई. पुलिस जांच में यह शिकायत फर्जी निकली. पुलिस ने झूठी शिकायत दर्ज कराने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, 24 फरवरी की रात महिला ने पुलिस को 112 नंबर पर कॉल कर बताया कि तीन लोगों ने उसे जबरन कार में बैठाकर अगवा किया और बारी-बारी से गैंगरेप किया.
महिला ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसके साथ क्रूरता की, गर्दन पर केमिकल डाला और प्राइवेट पार्ट्स में बोतल डाल दी. मारपीट कर उसे महरौली रेलवे फाटक के पास फेंक दिया गया.
महिला ने गैंगरेप की झूठी शिकायत दर्ज कराई
इस शिकायत के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और जांच शुरू कर दी. लेकिन डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पुलिस ने आरोपियों की कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे पता चला कि घटना के समय आरोपी वहां मौजूद ही नहीं थे.
वहीं, मेडिकल जांच में भी रेप और मारपीट के कोई सबूत नहीं मिले. महिला के शरीर पर केमिकल डालने का आरोप भी गलत निकला. जब पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपने बयान बदलने शुरू कर दिए. जांच में यह भी सामने आया कि महिला पहले भी झूठे आरोप लगा चुकी थी.
महिला पहले भी निर्दोष लोगों को फंसाने की साजिश रच चुकी है
महिला ने अपने लिविंग पार्टनर विकास त्यागी पर रेप और मारपीट का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि दोनों के संबंध आपसी सहमति से थे. विकास त्यागी अभी जेल में है और उसके वकील रहे वैभव चौहान व दीपक चौहान को फंसाने के लिए महिला ने दोबारा झूठा मामला गढ़ा.
पुलिस ने महिला के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने और निर्दोष लोगों को फंसाने की साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे झूठी शिकायतें दर्ज न कराएं, वरना सख्त कार्रवाई होगी.