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आज से 30 वर्ष पहले 12 साल का राजू स्कूल गया, मगर लौट कर वापस नहीं आया. परिवार और पुलिस ने बहुत खोजा, पर राजू का कहीं पता नहीं चला. धीरे-धीरे तीन दशक बीत गए. लेकिन बीते दिनों अचानक राजू वापस आ गया और अपने परिवार से मिलकर फफक पड़ा. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर 30 सालों तक राजू कहां रहा, उसके साथ क्या हुआ, साथ ही वह कैसे घरवालों से दोबारा मिलने में कामयाब हुआ? पूरा मामला यूपी के गाजियाबाद का है.
दरअसल, 30 साल पहले जिस दिन राजू गायब हुआ था, उस दिन उसकी बहन से लड़ाई हो गई थी. वह स्कूल के रास्ते में अपनी बहन से अलग होकर सड़क किनारे बैठ गया. बहन ने भी उसकी तरफ नहीं देखा और आगे निकल गई. उसे लगा राजू खुद ही आ जाएगा. यहीं बड़ी गड़बड़ हो गई. क्योंकि, जिस वक्त राजू सड़क किनारे बैठा हुआ था, उस वक्त वहां टेंपो में सवार कुछ लोग आए और राजू को उठा ले गए.
गाजियाबाद से जैसलमेर पहुंच गया था राजू
वे लोग राजू को गाजियाबाद से राजस्थान के जैसलमेर लेकर चले गए. वहां राजू को जबरन बकरी और भेड़ चराने के काम में लगा दिया गया. उसे बस जीने भर के लिए ही खाना मिलता और बांधकर रखा जाता. जैसलमेर में चरवाहा का काम करते हुए राजू की जिंदगी के 30 साल निकल गए. हालांकि, इस दौरान उसे हमेशा ये याद रहा कि उसका परिवार गाजियाबाद में रहता है.
ऐसे वापस गाजियाबाद आया
बताया जा रहा है कि जैसलमेर में जहां राजू से जबरन काम कराया जाता था, वहां बीते दिनों कुछ लोग बकरियां खरीदने के लिए आए थे. राजू ने उन लोगों से मदद मांगी और अपनी आपबीती सुनाई. ये सुनकर बकरी खरीददारों ने राजू को भागने में मदद की. राजू उनकी गाड़ी में छिपकर वहां से निकल आया.
वो लोग राजू को पहले दिल्ली लेकर आए फिर उसे गाजियाबाद की ट्रेन में बैठा दिया. जब राजू गाजियाबाद पहुंचा तो उसके लिए यहां सब बदल चुका था. ना तो वो किसी को जानता था और ना घर का एड्रेस उसके पास था. ऐसे में राजू सीधे पुलिस थाने पहुंचा और अपनी पूरी कहानी बताई.
उसकी कहानी सुनकर गाजियाबाद की खेड़ा पुलिस भी हैरान रह गई और उसके परिवार की खोज शुरू कर दी. पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी राजू की कहानी शेयर की और लोगों से मदद की अपील की. साथ ही 30 साल पहले के दर्ज मिसिंग केसेज को खंगालना शुरू किया. इस बीच पता चला कि 30 वर्ष पहले थाना साहिबाबाद से 12 साल का एक बच्चा गायब हुआ था. पुलिस खोजते-खोजते उस परिवार तक पहुंच गई. खबर मिलते ही परिवार वाले भागकर पुलिस के पास आए और राजू की पहचान की.
मां ने राजू को ऐसे पहचाना
मां ने कहा कि राजू के दिल के पास तिल था और सिर में छोटा सा गड्डा था. इसी निशान से राजू की पहचान हुई. पुरानी फोटो और पुलिस रिकॉर्ड से मिलान किया गया तो तस्वीर और भी क्लियर हो गई. पिता ने भी राजू को पहचान लिया और गले लगा लिया. इस दौरान माहौल भावुक हो गया. बेटे को पाकर परिजनों के आंसू छलक पड़े.
जानकारी के अनुसार, राजू के पिता तुलाराम बिजली विभाग में नौकरी करते थे. कुछ समय पहले ही रिटायर हुए हैं. राजू की 3 बहने हैं और तीनों की शादी हो चुकी है. फिलहाल, मां-बाप अपने इकलौते बेटे को 30 साल बाद पाकर बेहद खुश है. राजू भी अपने परिवार के पास आकर बहुत खुश है.