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ऑनलाइन गेम की आड़ में ऐसे होता था बच्चों का ब्रेनवॉश, धर्म परिवर्तन पर मौलवी का कबूलनामा!

ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी ने नाबालिग लड़कों के रेडिकलाइजेशन की बात कबूल की है. पूछताछ में अब्दुल ने कुबूल किया कि वो दोनों नाबालिग लड़कों को उनके धर्म के बारे में उकसा रहा था और इस्लाम को सर्वोपरि बता रहा था.

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मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी (File Photo)
मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी (File Photo)

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्म परिवर्तन का खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया. पुलिस ने इस मामले में गाजियाबाद में ही एक मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में अब्दुल रहमान ने नाबालिग लड़कों के रेडिकलाइजेशन की बात कबूल की है.

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पुलिस की माने तो आरोपी अब्दुल ने खुलासा किया है कि वो गैर मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था. अब्दुल ने बताया कि उसकी जान पहचान एक साल पहले इलाके के दो नाबालिग लड़कों से हुई थी. पूछताछ में अब्दुल ने कुबूल किया कि वो दोनों नाबालिग लड़कों को उनके धर्म के बारे में उकसा रहा था और इस्लाम को सर्वोपरि बता रहा था.

अब्दुल रहमान उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कह रहा था. दोनों नाबालिग लड़के अब्दुल की बातों से प्रभावित हो गए और मस्जिद में नमाज पढ़ने आने लगे. अब्दुल ने बताया कि एक लड़के के परिवार को जब इसकी जानकारी मिली तो वो पुलिस के पास गए. अब्दुल को लगा कि वो पकड़ा ना जाए इसलिए उसने अपने मोबाइल से सभी चैट डिलीट कर दी. 

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इस मामले में गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि मंगलवार को उनके पास कॉल आई और गुजरात से दावा किया गया कि यहां पर एक ग्रुप मास कन्वर्जन करा रहा है. पुलिस के मुताबिक उस शख्स ने कुछ इनपुट भी उपलब्ध कराया है, जिसमें फोटो और कुछ लोगों की जानकारी है. फिलहाल गाजियाबाद पुलिस इस क्लेम की पुष्टि कर रही है.

क्या है पूरा मामला

बहला फुसलाकर लालच देकर प्रलोभन देकर धर्म बदलवाने की साजिशों के बारे मे आपने बहुत सुना होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसी साजिश के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. कैसे आपका नाबालिग बेटा ऑनलाइन गेम खेलते हुए धर्म परिवर्तन का शिकार हो सकता है. ऐसा ही मामला सामने आया गाजियाबाद में.

मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसने कविनगर क 17 साल के बच्चे का धर्म परिवर्तन करा दिया था, वो भी ऑनलाइन गेम के जरिये जाल में फंसाकर. ऑनलाइन गेम के जरिये धर्म परिवर्तन की साजिश के दो किरदार थे. पहला अब्दुल रहमान, जो गाजियाबाद का है. दूसरी तरफ था ठाणे का शाहनवाज मकसूद.

शाहनवाज मकसूद, बद्दो नाम से फर्जी आईडी के जरिये ऑनलाइन गेम पर मौजूद था. अब समझिए कैसे टारगेट किया जाता था. हिंदू बच्चों को ऑनलाइन गेम फोर्ट नाइट पर ये फर्जी लोग घेरते थे. हिंदू नामों से मुस्लिम लड़के आईडी बनाकर पेश होते. हिंदू बच्चा जब गेम खेलते हुए हारता तब असली खेल शुरू होता.
 
बच्चे को कहा जाता कि वो कुरान की कोई आयत पढ़े तो जीत जाएगा. बच्चा आयत पढ़कर फिर गेम खेलता तो जीत जाता. साजिश के तहत उस बच्चे को जितवा दिया जाता. एक के बाद एक आयतें पढ़वाकर उसे जिताया जाता. इस तरह बच्चे का मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाव होता. आयतें पढ़कर बच्चा जीत जाता तो उसका आयतों में भरोसा बढ़ जाता.

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इसके बाद शुरू होता धर्म परिवर्तन का स्टेप नंबर दो. दूसरे स्टेप में diccord एप के जरिए टारगेट बच्चे से चैटिंग की जाती. बच्चे का भरोसा जीता जाता और उनको इस्लामिक रीतियों की जानकारी दी जाती. उसके बाद धीरे-धीरे उसको  डॉक्टर जाकिर नाईक और उसके बाद तारिक जमील के वीडियो दिखाए जाते. प्रोत्साहित किया जाता कि वो मुस्लिम बने.

बच्चा इस्लाम ज्वॉइन कर लेता तो उसका एफिडेविट बनवा दिया जाता. पुलिस के शिकंजे में आया मौलवी अब्दुल रहमान काफी शातिर है. इसका एक जैनी बच्चे और दो हिंदू बच्चों के धर्म परिवर्तन में रोल सामने आ चुका है. ये खेल तब खुला जब एक हिंदू परिवार ने अपने बच्चे के धर्म परिवर्तन की शिकायत की.

बच्चा जिम जाने के बहाने मस्जिद पहुंच जाता. परिवार को बच्चा नमाज पढ़ते मिला था. घर पर कहने लगा कि मुस्लिम धर्म बेहतर है. बच्चा ने कहा कि घर से निकालोगे तो मस्जिद में रह लूंगा. बच्चे की बातें सुनकर परिवार वाले पुलिस के पास पहुंचे. फिर पुलिस मौलवी तक. अब इस मौलवी अब्दुल रहमान की पूरी कुंडली सेंट्रल एजेंसियां भी खंगाल रही है. 

आईबी की टीम अब्दुल रहमान से पूछताछ करेगी. सेंट्रल एजेंसी की अलग-अलग टीमें उससे सवाल करेंगी. उसका बैंक खाता खंगाला जा रहा है. उसका साथी ठाणे का शाहनवाज मकसूद फरार हो चुका है. शक है कि ऑनलाइन गेम के जरिये बड़े पैमाने पर नाबालिगों का धर्म परिवर्तन करवाने का बड़ा रैकेट चलाया जा रहा है.

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