तुर्की में आई आपदा के बीच जहां एक ओर हजारों लोगों की जानें चली गईं. वहीं भारत ने भी ऑपरेशन चलाकर तुर्की की हरसंभव मदद की. तुर्की में लोगों की मदद के लिए यहां से एनडीआरएफ की टीमें भेजी गईं थीं. कई देशों ने भारत के इस कदम की सराहना की. आज एनडीआरएफ की टीम तुर्की से वापस लौटी तो लोगों ने फूलमालाओं से टीम का अभिनंदन किया. इस दौरान टीम के सदस्यों के स्वास्थ्य की भी जांच की गई.
दरअसल, तुर्की में तापमान माइनस में था. ऐसे में टीम के लिए रेस्क्यू करना बेहद कठिन हो रहा था. बावजूद इसके एनडीआरएफ की टीम ने अभियान चलाकर लोगों की मदद की. यहां से एनडीआरएफ की डॉग स्क्वाड टीम भी तुर्की पहुंची थी, जिसमें गाजियाबाद एनडीआरएफ के दो खोजी कुत्ते शामिल थे, जिन्होंने ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई. टीम के साथ वापस लौटने पर खोजी कुत्तों को भी माला पहनाकर लोगों ने स्वागत किया.
गाजियाबाद स्थित 8th बटालियन एनडीआरएफ के 51 सदस्यों का दल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की गया था. तुर्की में एनडीआरएफ की टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने किया. दीपक तलवार का कहना है कि एपिक सेंटर पर गाजियाबाद एनडीआरएफ की टीम ने 27 डेड बॉडी मलबे से निकाली थीं.
गुरुवार तक टीमों ने मलबे से निकालीं 88 लाशें
डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि हमें एनडीआरएफ पर गर्व है. विषम परिस्थितियों में भी हमारी टीम ने पूरी जिम्मेदारी से अपना दायित्व निभाया. भारत से एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) की तीन टीमें वहां गईं थीं. तीनों टीमों ने बेहतर काम किया है. टीमों ने दो लाइव रेस्क्यू किए. गुरुवार तक टीमों ने 85 डेड बॉडी कल तक निकाली जा चुकी हैं. तुर्की में यहां की टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती मौसम था. जब हम वहां पहुंचे तो माइनस 7 डिग्री तापमान था.
'आठ मंजिला भवन थे जमींदोज, मलबे से निकालीं डेडबॉडी'
डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने कहा कि हमारी टीम के जवानों ने 30 मिनट में अपना कैंप लगा लिया. दीपक तलवार ने कहा कि तुर्की में भूकंप से तबाह हुई इमारतों में कई आठ मंजिला भवन भी थे, जिनके मलबे में दबे लोगों को निकालना खतरे से भरा था. उन्होंने कहा कि एक इमारत से हमारी टीम ने तीन डेडबॉडी निकालीं, जिनमें से एक महिला और दो बच्चे थे. उस महिला के पति ने टीम के साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार किया.