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यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) बड़ी जीत की ओर अग्रसर है. यहां हुए उपचुनाव के परिणाम में सपा के सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने बीजेपी के दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को बहुत पीछे छोड़ दिया है. राजनीतिक पंडित घोसी उपचुनाव (Ghosi Bypoll) को यूपी में I.N.D.I.A गठबंधन का लिटमस टेस्ट भी बता रहे थे. तो आइए जानते हैं आखिर कौन हैं दारा सिंह चौहान, जिनके हारने से 'INDIA' को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मिली संजीवनी...?
बता दें कि घोसी में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले दारा सिंह चौहान इससे पहले सपा में ही थे. वो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हुए थे और घोसी से विधायक बने थे. जुलाई में उन्होंने पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा देते हुए बीजेपी में घरवापसी कर ली थी. हालांकि, सपा और बीजेपी के पहले दारा सिंह बसपा में भी रह चुके हैं.
बसपा से शुरू की थी राजनीति
दारा सिंह चैहान पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. पिछड़े समाज के एक बड़े नेता के तौर पर उनकी पहचान है. दारा सिंह ने अपना राजनीतिक सफर बसपा से शुरू किया था. सबसे पहले बसपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेजा. हालांकि,कार्यकाल पूरा होते-होते वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद 2000 में वो सपा से राज्यसभा सदस्य बने.
लेकिन 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर से बसपा में शामिल हो गए. फिर 2009 में बसपा के टिकट से घोसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो अगले साल भगवा पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया.
ज्यादातर समय सत्ता के करीब रहे
दारा सिंह ने 2017 के विधानसभा का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा और योगी कैबिनेट में मंत्री बने. लेकिन एक बार फिर उन्होंने पलटी मारी और 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया और सपा में शामिल हो गए. साथ ही घोसी से विधायक बने, लेकिन सरकार बीजेपी की बनी.
ऐसे में जुलाई 2023 में फिर उनका मन बदला और सपा से इस्तीफा देकर एक बार फिर बीजेपी जॉइन कर ली. तीन दशक के अपने राजनीतिक करियर में वो ज्यादातर समय सत्ता के करीब रहे हैं.
10वीं तक की पढ़ाई पूरी की
जानकारी के मुताबिक, दारा सिंह चौहान का जन्म जुलाई 1963 को आजमगढ़ के गांव में हुआ था. माध्यमिक शिक्षा परिषद से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के दौरान ही दारा सिंह का राजनीति के प्रति झुकाव हो गया और उन्होंने बसपा की सदस्यता ले ली. पिछड़े समाज में अच्छी पकड़ होने के कारण राजनीति में उनका कद तेजी से बढ़ने लगा. इस बीच दारा सिंह ने दिशा चौहान से शादी की. उनके 4 बच्चे हैं.