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मां... आपको खोजने मैं फिर आऊंगी... ये शब्द हैं लखनऊ से वापस अमेरिका जा रही राखी उर्फ महोगनी के. महोगनी वही लड़की है जो 20 साल बाद अपने असली माता-पिता की तलाश में भारत आई थी. लेकिन उसकी ये तलाश अधूरी ही रह गई. हालांकि, महोगनी ने हार नहीं मानी है. उसने फिर से भारत आने की बात कही है. वो एक महीने का टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आई थी. वीजा खत्म होने के बाद वो सोमवार को अमेरिका लौट गई.
दरअसल, साल 2000 में महोगनी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर लावारिस हालत में पाई गई थी. उस वक्त वो महज डेढ़-दो साल की थी. जीआरपी ने उसके परिजनों को ढूंढने की काफी कोशिश की लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका. ऐसे में महोगनी को लीलावती मुंशी निराश्रित बालगृह (अनाथालय) भेज दिया गया.
बचपन में ही लखनऊ से पहुंच गई थी अमेरिका
इस अनाथालय से दो साल बाद एक अमेरिकी महिला कैरोल ब्रांड ने महोगनी को गोद ले लिया. करीब 5 साल की उम्र में महोगनी लखनऊ से सीधे अमेरिका के मिनेसोटा शहर पहुंच गई. लेकिन वहां ले जाने के बाद कैरोल का रवैया बदल गया. कैरोल सिंगल मदर के रूप उसके साथ रहती थी. वो महोगनी के साथ बुरा बर्ताव करने लगी. मगर महोगनी के पास कैरोल के साथ रहने के अलावा कोई चारा नहीं था.
लेकिन कैरोल ने मरने से पहले पूरी सच्चाई महोगनी को बता दी. 5 साल पहले कैरोल का निधन हुआ था. उसने कुछ दस्तावेज भी महोगनी को दिए ताकि वो लखनऊ जाकर अपने अतीत के बारे में जान सके. जिसके बाद महोगनी ने भारत आने का प्लान किया. लेकिन पैसों की कमी और वीजा के चलते देरी हुई. पिछले महीने उसका वीजा लगा तो वो दोस्त क्रिस्टोफर के साथ सीधे दिल्ली आई और वहां से लखनऊ का रुख किया.
बायोलॉजिकल माता-पिता की तलाश
लखनऊ आकर महोगनी ने सबसे पहले 'AajTak.In' को बताया कि उसे अपने रियल (बायोलॉजिकल) माता-पिता के बारे में कुछ भी नहीं पता है. इसीलिए वो भारत में अपने पैरेंट्स, भाई-बहन या रिश्तेदार की तलाश कर रही है. लखनऊ आने के बाद महोगनी पहले अनाथालय गई, जहां से उसे गोद लिया गया था. इस दौरान कुछ दस्तावेज उसके हाथ लगे.
इसके अलावा महोगनी चारबाग रेलवे स्टेशन भी गई जहां से उसे लावारिस हालत में पाया गया था. हालांकि, जीआरपी से उसे कोई जानकारी नहीं मिल सकी. आखिर में महोगनी ने मीडिया का रुख किया और माता-पिता को तलाशने की मुश्किल कोशिश शुरू की. इस बीच दिल्ली की एक महिला ने महोगनी की मां होने का दावा किया लेकिन जांच में उसका दावा झूठा निकला.
लखनऊ आने के बाद क्या-क्या हुआ?
बता दें कि 26 साल की महोगनी 18 सितंबर 2023 को अमेरिका से अपने दोस्त क्रिस्टोफर के साथ लखनऊ आई थी. यहां वो दोनों इंदिरानगर में एक किराये के मकान में रह रहे थे. इस बीच उनकी मुलाकात एक कैब ड्राइवर राजकमल पांडेय से हुई, जो आखिर तक उनका 'गाइड' बना रहा.
महोगनी अपने दोस्त क्रिस्टोफर और कैब ड्राइवर राजकमल के साथ रोज घर से निकल जाती और पूरे लखनऊ में अपने परिजनों की तलाश करती. वो हर उस जगह गई जहां से कोई भी इनपुट मिलने की गुंजाइश थी. उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया लेकिन वहां से भी कोई जानकारी नहीं हाथ नहीं लग सकी. महोगनी के पास बस उसके बचपन की कुछ फोटोज हैं. साथ ही अनाथालय से गोद लिए जाने के दस्तावेज.
महिला ने किया महोगनी की मां होने का दावा, लेकिन...
कैब ड्राइवर राजकमल पांडेय ने बताया कि जब मीडिया में महोगनी की खबर चली तो दिल्ली की एक महिला ने दावा किया वो महोगनी की मां हो सकती है. क्योंकि बिहार के मुजफ्फरपुर से दिल्ली आते समय लखनऊ में उसकी बेटी गायब हो गई थी. हो सकता है वो बेटी महोगनी ही हो.
मगर जब महोगनी ने उस महिला से संपर्क किया और दिल्ली के एक लैब में DNA टेस्ट करवाया तो दोनों का DNA मैच नहीं किया. इस तरह महिला का दावा फर्जी निकला. फिलहाल, महोगनी अमेरिका लौट गई है. जाते समय उसने कहा कि वो वापस लखनऊ आएगी और अपने पैरेंट्स की तलाश जारी रखेगी. पैरेंट्स की तलाश की तलाश में मदद करने के लिए महोगनी ने जाते वक्त मीडिया और लखनऊ के लोगों को धन्यवाद दिया है.