scorecardresearch
 

UP: कैलाश सत्यार्थी पर हमला करने वाले सर्कस मालिक और मैनेजर दोषी करार, 20 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

गोंडा जिले की एक अदालत ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से जुड़े बीस साल पुराने मामले में फैसाल सुनाया है. कैलाश सत्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर सर्कस में काम करने वाली नाबालिग लड़कियों को बचाने की कोशिश की थी, इस दौरान सर्कस मैनेजमेंट के लोगों ने उन पर हमला कर दिया था.

Advertisement
X
कैलाश सत्यार्थी पर हमला करने वाले सर्कस मालिक और मैनेजर दोषी करार (फाइल फोटो)
कैलाश सत्यार्थी पर हमला करने वाले सर्कस मालिक और मैनेजर दोषी करार (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा जिले की एक कोर्ट ने 20 साल पहले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी पर हमला करने के लिए दो लोगों को दोषी ठहराया है. यह मामला तब हुआ था, जब कैलाश सत्यार्थी और उनके साथियों ने पुलिस के साथ मिलकर सर्कस में काम करने वाली नाबालिग लड़कियों को बचाने की कोशिश की थी. एजेंसी के मुताबिक अदालत ने ग्रेट रोमन सर्कस के मालिक रजा मोहम्मद खान और प्रबंधक शफी खान को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि दोनों को एक साल के लिए अच्छे आचरण के प्रोबेशन पर रिहा किया जाए. यह बात इस शर्त पर कही गई कि वो इस दौरान कानून नहीं तोड़ेंगे. 

Advertisement

गोंडा के सहायक जिला सरकारी वकील अवनीश धर द्विवेदी ने कहा कि अदालत ने यह भी आदेश दिया कि हमले में घायल हुए चार लोगों में से प्रत्येक को पांच हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए.

यह भी पढ़ें: गोडसे पर प्रज्ञा के बयान से नाराज कैलाश सत्यार्थी, बोले- पार्टी से निकालकर राजधर्म निभाए BJP

सर्कस के मैनेजमेंट ने साल 2004 में 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी, उनके बेटे भुवन, सहयोगी रमाकांत राय, राकेश सिंह और अन्य पर हमला किया था. बता दें कि ये सभी लोग पुलिस के साथ मिलकर सर्कस में काम करने वाली नाबालिग लड़कियों को बचाने की कोशिश की थी.

बचाव पक्ष से क्या दलील दी गई?

वकील ने बताया कि सुनवाई के दौरान एडिशनल सेशन जज राजेश नारायण मणि त्रिपाठी ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी अब बूढ़े हो चुके हैं, सर्कस बहुत पहले बंद हो चुका है और उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है, इसलिए उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. इस पर जज ने निर्देश दिया कि दोनों आरोपियों को एक साल के लिए अच्छे आचरण के प्रोबेशन पर रिहा किया जाए, बशर्ते कि वे कानून न तोड़ें.

Advertisement

यह भी पढ़ें: कैलाश सत्यार्थी के नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका बरामद

फैसले आने के बाद कैलाश सत्यार्थी ने क्या कहा?
अदालत के द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कैलाश सत्यार्थी ने कहा, '20 साल की लंबी अपमानजनक और महंगी कानूनी लड़ाई के बाद, कुख्यात सर्कस के मालिक और प्रबंधक को गोंडा अदालत ने दोषी ठहराया और सजा सुनाई.' 
 

Live TV

Advertisement
Advertisement