यूपी के गोंडा में रहने वाली शादीशुदा कविता तीन साल पहले घर से लापता हो गई थी. इसको लेकर ससुराल और मायके पक्ष के लोगों ने एक दूसरे पर अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. परिजनों के साथ-साथ पुलिस ने भी शिद्दत से कविता की तलाश की थी, मगर उसका कहीं पता चला. इस बीच मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट के दखल के बाद अब फेसबुक के माध्यम से पुलिस ने कविता को खोज निकाला है. वह लखनऊ में अपने प्रेमी के साथ हंसी-खुशी रह रही थी. आइए जानते हैं पूरा मामला...
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने बुधवार को बताया कि तीन साल से लापता चल रही 23 वर्षीय विवाहित महिला (कविता) लखनऊ में अपने प्रेमी के साथ रह रही थी. कविता अपने माता-पिता और ससुराल वालों को यह विश्वास दिलाने में कामयाबी हो गई थी कि वह या तो मर चुकी है या उसका अपहरण कर लिया गया है.
फेसबुक यूज कर रही थी कविता
यह खुलासा पिछले हफ्ते तब हुआ जब पुलिस को एक फेसबुक अकाउंट मिला, जिसे कविता ने फेक नाम से बनाया था और उसे ऑपरेट कर रही थी. इसके जरिए पुलिस ने गहन जानकारी जुटाई और उस तक पहुंच गई. हालांकि, इससे पहले और भी मानवीय और तकनीकी मदद ली गई थी. दर्जनों लोगों से पूछताछ हुई और खुफिया तंत्र का सहारा लिया गया.
बता दें कि कविता ने 17 नवंबर, 2017 को गोंडा के दादुहा बाजार के विनय कुमार से शादी की थी. इसके बाद 5 मई, 2021 को वह लापता हो गई. मामले में गोंडा एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि उसके परिवार ने उसके ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया, जिसके बाद उसके पति, देवर, सास और ननद के खिलाफ कोतवाली नगर थाने में मामला दर्ज किया गया.
कोर्ट ने दिया दखल
काफी तलाश के बाद भी कविता का पता नहीं चल पाया. दिसंबर 2022 में, पति विनय कुमार ने कविता के भाई अखिलेश सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया है.
जब कविता का सुराग नहीं मिला, तो हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और रिपोर्ट मांगी. जिसके बाद पुलिस ने फिर से खोजबीन शुरू की. जिसपर पुलिस ने लखनऊ के डालीगंज इलाके में कविता को उसके प्रेमी सत्य नारायण गुप्ता के घर से बरामद किया.
ऐसे पकड़ी गई 'लापता' कविता
एसपी के अनुसार, पिछले हफ्ते कविता के फेसबुक अकाउंट से एक गतिविधि हुई थी, जिसे गलत नाम और पहचान का उपयोग करके बनाया गया था. इस गतिविधि को यहां साइबर सेल ने नोट किया, फिर महिला का पता लगाने के लिए खोज शुरू की. अंततः वह लखनऊ के डालीगंज इलाके में रहती पाई गई.
पुलिस की माने तो सत्य नारायण गुप्ता की गोंडा के दुर्जनपुर बाजार में एक दुकान थी और कविता अक्सर उसके पास जाती थी. इसी दौरान दोनों करीब आ गए और घर से भाग गए. इधर-उधर रहने के बाद उन्होंने लखनऊ को अपना ठिकाना बना लिया. पूछताछ के दौरान कविता ने खुलासा किया कि वह लखनऊ जाने से पहले एक साल तक अयोध्या में सत्य नारायण के साथ रही थी.