गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में हमला करने वाले अहमद मुर्तजा को एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने फांसी की सजा सुनाई है. अदालत के फैसले के बाद उसके वकील रजा उर रहमान की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि मुर्तजा की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इस संबंध में मेडिकल रिपोर्ट्स भी पेश की गई थीं. मुर्तजा की मां की ओर से मेडिकल चेकअप कराए जाने की भी अर्जी डाली गई थी.
उन्होंने कहा कि तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स को दरकिनार किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई. हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट इस मामले में न्याय देगा.
गौरतलब है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में M.Tech करने वाले मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षा कर रहे दो सिपाहियों पर हमला किया था. एटीएस की जांच में खुलासा हुआ था कि राइफल छीनने के बाद मुर्तजा अंधाधुंध फायरिंग की प्लानिंग में था. यूपी एटीएस ने अपनी जांच में 27 गवाह पेश किए थे.
खुद को बीमार और विक्षिप्त बताने की दलील कोर्ट में काम नहीं आई. जांच में सामने आया कि मुर्तजा ने फेसबुक पर 6 आईडी चलाकर विदेश में रहने वाले लोगों से दोस्ती कर रखी थी.
बता दें कि 4 अप्रैल को गोरखनाथ थाने में सब इंस्पेक्टर की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. 5 अप्रैल को यूपी एटीएस ने इस मामले की जांच शुरू की थी. जांच के दौरान यूपी एटीएस ने UAPA का केस दर्ज किया.
यूपी एटीएस की चार्जशीट में आईपीसी की धारा 186, 153A 307, 332, 333, 353,394, 7 CLA के साथ यूएपीए की धारा 16, 18, 20 40 बढ़ाई. यूपी एटीएस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में देश के खिलाफ जंग छेड़ने की धारा 121, 122 बढ़ाई थी. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट की बड़ी धाराओं के तहत ही मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई.