scorecardresearch
 

जिसको ढूंढ रहे थे गली-गली, वह कार के बोनट में मिली... कहानी गोरखपुर के चिप्पो की

गोरखपुर में चिप्पो के लापता होने पर एक परिवार बुरी तरह परेशान था और एक लड़की आंसू बहा रही थी, लेकिन जब चिप्पो मिली तो सबने उसे चूम लिया. अब आप सोच रहे होंगे कि चिप्पो कौन है? दरअसल, चिप्पो एक पर्शियन कैट है, जो घर से बाहर निकलते ही गायब हो गई थी. उसको खोजने की कहानी काफी रोचक है.

Advertisement
X
चिप्पो के साथ दानिश
चिप्पो के साथ दानिश

गोरखपुर में करीब 24 घंटे से गायब हुई चिप्पो मिल गई है. उसके लापता होने पर एक परिवार बुरी तरह परेशान था और एक लड़की आंसू बहा रही थी, लेकिन जब चिप्पो मिली तो सबने उसे चूम लिया. अब आप सोच रहे होंगे कि चिप्पो कौन है? दरअसल, चिप्पो एक पर्शियन कैट है, जो घर से बाहर निकलते ही गायब हो गई थी. उसको खोजने की कहानी काफी रोचक है.

Advertisement

दरअसल, गोरखपुर के सूरजकुंड में रहने वाले मोहम्मद कलीम अहमद अंसारी का पूरा परिवार पर्शियन कैट को पालने का शौक रखती है. उनके घर में एक दर्जन पर्शियन कैट मौजूद है. पर्शियन बिल्ली को पालने का शौक उनको इस कदर चढ़ा कि आज की तारीख में उनके पास कुल 12 पर्शियन कैट हो चुकी है, जिसमें से दो नर है और 10 मादा है. 

कलीम के बेटे दानिश ने बताया कि बुधवार की रात लगभग 9 बजे के आसपास मेरी एक बिल्ली घर के बाहर खेलते-खेलते चली गयी, उसका नाम चिप्पो है, कुछ देर तक जब वो हमें नहीं मिली तब हमने उसे ढूंढना शुरू कर दिया, मोहल्ले के कई लोग चिप्पो को ढूंढने में मदद कर रहे थे लेकिन असफलता हाथ लगी.

दानिश ने आगे बताया, 'कई चश्मदीद बता रहे थे कि कुछ देर से गाड़ी को घेर कर कई सारे कुत्ते भौंक रहे हैं, हमने गाड़ी को चेक किया, लेकिन चिप्पो का कोई नामोनिशान नहीं था, अंत में थक हारकर और निराशा लेकर हम वापस घर लौट आए. अगली सुबह हमने चिप्पो को फिर तलाशना शुरू किया, लेकिन हमें कहीं भी चिप्पो का पता नहीं चल पा रहा था.'

Advertisement

दानिश ने कहा, 'अगले दिन फिर इसी बात को लेकर चर्चा होने लगी, वहां पर कुछ लोग बात कर रहे थे की गाड़ी को घेर कर कई सारे आवारा कुत्ते भौंक रहे थे, हो ना हो चिप्पो कुत्तों कि डर से क्या पता गाड़ी में ही छिपी हो, हम गाड़ी की अच्छे से तफ्तीश किए थे लेकिन उसमें चिप्पो नहीं थी। फिर अचानक से ख्याल आया कि क्यों न गाड़ी का बोनट चेक कराया जाए.' 

दानिश के मुताबिक, 'वहां पर गाड़ी नहीं थी, हमने किसी तरह गाड़ी का नंबर लिया और ड्राइवर को फोन किया,  जब ड्राइवर को थोड़ा और जोर दिया कि एक बार आप बोनट खोल कर चेक कर ले, इस पर ड्राइवर राज़ी हुआ और गाड़ी का बोनट खोला, उस समय गाड़ी मंडलायुक्त कार्यालय पर थी, जैसे ही गाड़ी का बोनट खोला गया चिप्पो बोनट में बैठी थी.'

इस खबर को सुनते ही मानो दानिश के घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. तत्काल दानिश अपने घर से मंडलायुक्त कार्यालय की तरफ भागे. वहां पर गाड़ी के ड्राइवर ने उनको उनका पर्शियन कैट सुपुर्द किया. चिप्पो को हाथ में लेते ही दानिश की आंख से आंसू छलक गया. चिप्पो की हालत ठीक नहीं थी क्योंकि रात में कुत्ते के भौंकने से वह डर गई थी.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement