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योगी कॉर्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया... गोरखपुर में सीएम के नाम पर ठगी, BJP की महिला नेता भी आ गईं झांसे में

गोरखपुर पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. दोनों फर्जी संस्था बनाकर लोगों को ठगते थे. उनके झांसे में बीजेपी की एक महिला नेता भी आ गई थीं.

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गोरखपुर पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों ठग
गोरखपुर पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों ठग

यूपी के गोरखपुर में पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए दोनों आरोपी फर्जी संस्था बनाकर लोगों को ठगते थे. उनके झांसे में बीजेपी की एक महिला नेता भी आ गई थीं. आरोपियों ने खुद को गोरखनाथ मंदिर का करीबी बताकर सैकड़ों लोगों से ठगी की है. उनके पास से फर्जी दस्तावेज और आईडी कार्ड आदि बरामद हुए . शिकायत के बाद पुलिस उनके पीछे लगी थी. जिसके बाद बीते दिन दोनों को धर दबोचा गया. 

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पकड़े गए आरोपियों के नाम हर्ष चौहान और केदारनाथ अग्रहरि है. हर्ष गाजियाबाद का है, जबकि केदारनाथ महराजगंज का है. जांच में सामने आया कि दोनों पहचान पत्रों की कूटरचना कर लोगों से जालसाजी करते थे. इन्होंने 'योगी कॉर्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया' नामकी एक फर्जी संस्था बना रखी थी. जिसमें नाम व पता सब गलत इस्तेमाल किया गया था. 

इसके जरिए वो सोशल मीडिया आदि से लोगों को भ्रमित करते थे और पैसे ऐंठते थे. कभी संस्था की सदस्यता दिलाने के नाम पर तो कभी पदाधिकारी या कार्ड बनाने के नाम पर. फिलहाल, पुलिस जांच में जुटी है कि क्या इनके गैंग में और भी सदस्य शामिल हैं.  

ऐसे करते थे ठगी

गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी संस्था बनाकर और गोरखनाथ मंदिर का करीबी बनकर ठगी कर रहे थे. वे अपने नाम के आगे योगी जोड़कर लोगों को भ्रमित करते थे. लोगों को अपनी फर्जी संस्था का सदस्य बनाते थे और पैसे ऐंठते थे. आगे इनके विरुद्ध गैंगस्टर के तहत कार्रवाई करने व संपत्ति का जब्तीकरण की कार्रवाई भी की जाएगी.

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बीजेपी की महिला नेता को भी बनाया था शिकार 

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने हाल ही में कानपुर की रहने वाली एक महिला को भी अपना शिकार बनाया था. वह बीजेपी की मंडल मंत्री बताई जा रही हैं. उन्हें व्हाट्स ऐप ग्रुप पर एक लिंक मिला था. जिसके जरिए वो 'योगी कॉर्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया' इंडिया ग्रुप से जुड़ गईं. 

कुछ दिन बाद ग्रुप के लोगों ने उन्से फोन के जरिए संपर्क किया. उन्होंने महिला को कानपुर नगर का प्रभारी बनाए जाने की बात कह उनसे आधार कार्ड, फोटो और रुपये मांगे. भरोसा करके महिला ने सब भेज दिए, जिसके बाद उन्हें पहचान पत्र आदि भेज दिया गया. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि वो जालसाजी का शिकार हो गईं. पहचान पत्र पर 'गोरखनाथ मंदिर' का पता लिखा है, जो कि फर्जी है. 

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