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ग्रेटर नोएडा में यमुना की बाढ़ के पानी में नहाने गए 2 युवकों की डूबने से मौत हो गई. करीब 24 घंटे बीतने के बाद अब पुलिस ने एनडीआरएफ और आसपास के लोगों की मदद से दोनों युवकों के शव को बरामद कर लिया है. पुलिस अब शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के थाना दनकौर इलाके स्थित मकनपुर खादर गांव यमुना के तटीय गांवों में से एक है. बाढ़ के कारण यमुना का पानी गांव के पास आ गया है. रविवार को बाढ़ के पानी में नहाने के लिए गांव के दो युवक धीरज (21 साल) और संगीत (17 साल) गए थे.
दोनों ने कपड़े नदी किनारे उतारे और पानी में नहाने के लिए कूद गए. पानी का बहाव तेज होने के कारण दोनों युवक डूब गए. सूचना मिलने के बाद थाना दनकौर पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों ने दोनों डूबे हुए युवकों की तलाश शुरू की.
तकरीबन 24 घंटे बीतने के बाद दोनों युवकों के शव को पुलिस ने बरामद कर लिया है. फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. वहीं, मृतक युवकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
यमुना की बाढ़ में करोड़ों के फार्म हाउस डूबे, हज़ारों लोगों का रेस्क्यू जारी
यमुना के बाढ़ का पानी नोएडा के तटीय क्षेत्रों में पहुंच चुका है. जगह जगह लोग फंसे हुए हैं. जिन्हें पुलिस, फायर विभाग, एनडीआरएफ की मदद से बाहर निकाला जा रहा है. नोएडा में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका सेक्टर 135 का, जहां करोड़ों की कीमत के फार्म हाउस बने हैं. सभी फार्म हाउस बाढ़ की चपेट में हैं. उन फार्म हाउस के केयर टेकर हजारों लोग अंदर ही फंसे हैं, जिनको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू पुलिस दो दिन से चला रही है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन के जिम्मा खुद जॉइंट कमिश्नर आनंद कुलकर्णी ने अपने हाथों में ले लिया है., पुलिस के मुताबिक, सेक्टर 135 क्षेत्र के इलाकों में अभी तक पुलिस एनडीआरएफ और फायर विभाग की टीम की मदद से 2000 गौवंश और करीब 700 लोगों को बाढ़ के पानी से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है और अभी भी रेस्क्यू जारी है. .
हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की चपेट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई गांव आ गए हैं. नोएडा के सेक्टर 135 , सेक्टर 137 इलाके के अलावा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गांव तिलवाड़ा, घरबरा और मोतीपुर इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. पानी के अचानक बढ़ने से कई इलाकों में लोग फंसे हुए हैं.
वहीं, प्रभावित गांव के बुजुर्गों को सन 1978 की यादें ताजा हो गई हैं, जब यमुना के पानी ने पूरे इलाके में तबाही मचाई थी. फिलहाल पुलिस एनडीआरफ और फायर विभाग के साथ मिलकर लगातर रेस्क्यू अभियान चला रही है.