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खुद ड्राइवर और खुद ही सवारी बनकर Uber को लूट रहे थे उमेर और मुजफ्फर, नोएडा में गैंग का भंडाफोड़

नोएडा में ठगों का एक अनोखा ही गैंग पकड़ गया.ये लोग किसी और को नहीं बल्कि एक जानी मानी कैब कंपनी को ही ठग रहे थे. वे उबर में ड्राइवर और सवारी दोनों के नाम पर खुद के रजिस्टर कर लूट मचा रहे थे.

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खुद ड्राइवर और खुद ही सवारी...,Uber को लूट रहे थे उमेर और मुजफ्फर, नोएडा में गैंग का भंडाफोड़
खुद ड्राइवर और खुद ही सवारी...,Uber को लूट रहे थे उमेर और मुजफ्फर, नोएडा में गैंग का भंडाफोड़

नए -नए ऑफर, चिट फंड और वर्क फ्रॉम होम के नाम पर चूना लगाने वाले गैंग रोजाना ही पकड़े जा रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा में ठगों का एक अनोखा ही गैंग पकड़ गया.ये लोग किसी और को नहीं बल्कि एक जानी मानी कैब कंपनी को ही ठग रहे थे. ग्रेटर नोएडा के थाना ईकोटेक 1 की पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. 

आरोपी 26 साल का मौ. उमेर पुत्र नजमुद्दीन दिल्ली के सुन्दर नगरी एल ब्लाक एमसीडी फ्लैट थाना नंद नगरी का है जबकि 27 साल की मुजफ्फर जमाल पुत्र जाकिर जमाल दिल्ली के विजय पार्क मोजपुर, थाना भजनपुरा का है. ये लोग कुछ समय से नकली आधार कार्ड पर राइडर बनकर फर्जीवाड़ा कर उबर कंपनी को चूना लगा रहे थे. 

पकड़े गए आरोपी फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर खुद को ड्राइवर और राइडर दोनों के रूप में ऐप पर रजिस्टर करते थे. इसके बाद उबर से पेमेंट लेकर आईडी ब्लॉक कर कंपनी को भारी नुकसान पहुंचाते थे.  इनके कब्जे से पुलिस ने 500 फर्जी आधार कार्ड की कॉपी, 21 मोबाइल फोन, एक बैग, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई i10 कार बरामद की है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने एडिटिंग ऐप और गूगल लेंस की मदद से असली दस्तावेजों में चेहरा बदलकर कई फर्जी आईडी बनाई थीं. 

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पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को एडिट कर कई फर्जी आईडी बनाते थे. ये आईडी उबर ऐप पर अपलोड की जाती थी. शुरुआती तौर पर ये लोग छोटी-छोटी राइड पूरी करते थे ताकि कंपनी का भरोसा जीत सकें. चूंकी कम्पनी द्वारा राइडर को लोन के तौर पर कुछ धनराशि दी जाती है. तो इसके बाद में ये लोग उबर से लोन लेते और एक लंबी राइड को एडवांस में बुक कर OTP के जरिए खुद ही ड्राइवर और राइडर बनकर बिना ट्रैवल किए 20-30 किलोमीटर की फर्जी राइड दिखाकर पेमेंट ले लेते थे. पकड़े जाने पर आईडी ब्लॉक हो जाती थी और फिर से नई आईडी बनाकर वही प्रक्रिया दोहराई जाती थी.

एडीसीपी सुधीर कुमार के मुताबिक थाना ईकोटेक 1 पुलिस ने इंटेलिजेंस की मदद से इस गिरोह को पकड़ा और भंडाफोड़ किया है. पुलिस के मुताबिक , यह एक संगठित साइबर क्राइम गैंग का हिस्सा हो सकता है और मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है. दोनों आरोपियों पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

 

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