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वाराणसी: ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग, कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष

वाराणसी की ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष कोर्ट पहुंचा है. जिला अदालत में याचिका दायर मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि ASI सर्वे की कोई रिपोर्ट बाहर नहीं आई है. बावजूद इसके मंदिर होने का दावा किया जा रहा है.

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ज्ञानवापी सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक की मांग (फाइल फोटो)
ज्ञानवापी सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक की मांग (फाइल फोटो)

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे का आज 7वां दिन है. इस बीच अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी के मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग के लिए जिला जज की अदालत में अपील की है. इस याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे हो रहा है. सर्वे की टीम या किसी भी अधिकारी की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है. इसके बाद भी सोशल मीडिया, अखबार, चैनल लगातार खबरें चला रहे हैं. 

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मुस्लिम पक्ष की ओर से इन खबरों को भ्रामक बताया गया है और कहा गया है कि इससे जनमानस पर गलत प्रभाव पड़ेगा. इसलिए इस तरह के समाचारों प्रकाशित होने से प्रसारित होने से रोका जाए. 

अंजुमन कमेटी की ओर से क्या कहा गया?

इससे पहले मंगलवार को कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने खास बातचीत में बताया कि जितने भी दावे इस समय मीडिया रिपोर्ट में मंदिर को लेकर किया जा रहे हैं, वह कमीशन की कार्यवाही के वक्त की तस्वीरें और वीडियोज हैं. अभी हो रही ASI सर्वे कमीशन की कोई भी रिपोर्ट बाहर नहीं आ सकती, क्योंकि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है.  

अखलाक अहमद ने आगे कहा कि जितनी भी तस्वीरें बाहर आ रही हैं वह पिछली बार एडवोकेट सर्वे की कार्यवाही में ली हुई तस्वीरें हैं. उन्होंने बताया कि ASI को यह जांच करना है कि मस्जिद के नीचे आखिर है क्या? जो भी फोटो वीडियो चलाया जा रहा है वह पिछली बार वकील कमीशन की कार्यवाही के दौरान का है और उसको फिर से क्यों नए तरीके से डेवलप कर रहे हैं?  

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मस्जिद के गुंबद की तस्वीरें पिछली बार की 

वकील अखलाक अहमद ने यह भी कहा कि दिखाई जा रही मस्जिद के गुंबद की तस्वीरें भी पिछली बार की हैं. अभी हो रही ASI सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद होकर कोर्ट में जानी है. वह बाहर आ ही नहीं सकती है.

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