वाराणसी के ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाना की हालत काफी जर्जर है. यहां किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है. इसे लेकर विश्वनाथ मंदिर न्यास और मंदिर प्रशासन चिंतित है. 15 फरवरी को व्यासजी के तहखाने में ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी छोर की छत का एक बड़े पत्थर का टुकड़ा पुजारी के पास गिर गया था. इस हादसे में पुजारी की जान बाल-बाल बची थी.
पुजारियों के आक्रोश और डर को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने ज्ञानवापी के दक्षिणी छोर के रिसीवर जिलाधिकारी से भी तहखाने की मरम्मत और जर्जर तहखाने की छत पर आवाजाही को नियंत्रित करने की मांग की थी. मगर, जब कोई बात नहीं बनी, तो अब मंदिर प्रशासन ने जिला जज की अदालत में एक प्रार्थनापत्र देकर यह मांग की है. मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 मार्च है.
ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाना की हालत काफी जर्जर
अब चिंता इस बात की है कि आगामी महाशिवरात्रि 8 मार्च को शुक्रवार है और जुमे का दिन भी है. उस दिन जुमे की नमाज के लिए हजारों की तादाद में नमाजी ज्ञानवापी मस्जिद में जुटेंगे और उस दक्षिणी हिस्से यानी उस छत पर भी जाएंगे, जिसके नीचे पूजापाठ जारी रहेगी. उस महाशिवरात्रि के दिन विश्वनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालु भी जुटेंगे, जो व्यासजी के तहखाने की तरफ दर्शन के लिए भी जाएंगे.
बीते 31 जनवरी के जिला जज के आदेश के बाद कुछ ही घंटों में वाराणसी के ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने में पूजापाठ शुरू करा दी गई और पूजा पाठ कराने की जिम्मेदारी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को सौंपी गई. बीते दिनों जिला जज की अदालत में याचिका देकर हिंदू पक्ष ने जर्जर व्यासजी के तहखाने की मरम्मत की मांग की थी और जर्जर तहखाने के ऊपर छत पर नमाजियों के जाने पर रोक की भी मांग की थी.
अब विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी बकायदे प्रार्थनापत्र लिखकर 15 फरवरी को व्सासजी के तहखाने में पत्थर गिरने की घटना का जिक्र करते हुए यह मांग की है कि तहखाने को मरम्मत किया जाए और छत पर होने वाली भीड़ को भी नियंत्रित किया जाए. मगर, कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 मार्च तय कर दी है. उसके पहले शिवरात्रि और जुमा एक ही दिन पड़ने से मंदिर प्रशासन चिंता में पड़ गया है और बड़े हादसे की आशंका जाहिर कर रहा है.
जिला जज के आदेश के क्रम में ज्ञानवापी का रिसीवर जिलाधिकारी को बनाया गया
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि जिला जज के आदेश के क्रम में ज्ञानवापी का रिसीवर जिलाधिकारी को बनाया गया है. व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ शुरू कराने का भी आदेश दिया गया. जिस कड़ी में जिलाधिकारी के आदेश पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की सहायता से व्यासजी के तहखाने में पूजा शुरू कराई जाए. इसलिए व्यासजी के तहखाने में न्यास की तरफ से पुजारियों की नियुक्ति की गई है.
15 फरवरी के दिन की नमाज वक्त भीड़ की हलचल से व्यासजी के तहखाना का एक पत्थर तहखाने में गिर गया. फिर पुजारियों ने गिर रहे पत्थर से खुद के प्राणों का संकट बताया और उसकी तस्वीर भी उपलब्ध कराई. जिसके बाद घटना की सूचना जिलाधिकारी यानी रिसीवर से लिखित तौर पर की गई. उसके बाद भी अर्चकों में आक्रोश बढ़ता गया, क्योंकि उनके प्राणों पर संकट था और प्रत्येक शुक्रवार जुमे की नमाज के दिन ठीक-ठाक भीड़ भी हो रही थी.
इसके मद्देनजर 8 मार्च को पड़ रही शिवरात्रि के दिन शुक्रवार जुमे की नमाज है. इसे देखते हुए न्यायालय से अर्जेंसी का एप्लीकेशन लगाई थी कि व्यासजी के तहखाने की मरम्मत हो जाए. क्योंकि शिवरात्रि की भीड़ के वक्त इमरजेंसी मेजर्स और हेल्प मेजर्स में भी बाधा बनी रहेगी. इसलिए पुजारियों के एप्लीकेशन पर किसी को चोट न पहुंचे और मानव हानि न होने पाए.
इसलिए दोनों ही पक्षों के श्रद्धालुओं को देखते हुए यह एप्लिकेशन कोर्ट में लगाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में दोनों बाते हैं, पहला व्यासजी के तहखाने में मरम्मत की अनुमति दी जाए और दूसरा कमजोर हिस्से के ऊपर आने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जाए. उन्होंने बताया कि तहखाना काफी जर्जर स्थिति में है.
पुजारी के थोड़ी दूरी पर गिरा था बड़ा पत्थर
छत वास्तव में मरम्मत मांग रही है. उन्होंने बताया कि तहखाने में गिरने वाले पत्थर का आकार काफी बड़ा था और पुजारी की चौकी से सटकर गिरा था. इसकी तस्वीर भी न्यायालय में दाखिल की गई है. कुछ इंच का फासला न होता, तो पत्थर सीधा पुजारी के सिर पर गिरता और हैवी हेड इंजरी हो जाती. पुजारी का डर उचित था.
लिहाजा, न्यायालय से इस पर निर्देश मांगे गए हैं. उन्होंने बताया कि व्यासजी के तहखाने में पूजा को रोकना मंदिर प्रशासन के अधिकार में नहीं है. क्योंकि पूजा कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई है और इसको रोकना कोर्ट के अवमानना होगी. लेकिन खतरे को लेकर पुजारियों में आक्रोश और भय बना हुआ है. इसलिए विधिक उपचार का रास्ता का अपनाया जा रहा है.