ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में लगभग 3 महीने तक चले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट आज वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश होनी थी. लेकिन एक बार फिर ASI ने ज्ञानवापी के किए गए सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने के लिए तीन हफ्तों का वक्त मांगा है. मतलब, सर्वे रिपोर्ट आज भी कोर्ट में पेश नहीं जाएगी, जिसको लेकर काफी समय से गहमा-गहमी थी.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की डेडलाइन कई बार बढ़ाई जा चुकी है. इससे पहले कोर्ट द्वारा रिपोर्ट दाखिल करने की जो समयसीमा तय की गई थी, उसकी मियाद आज पूरी चुकी है. पिछले 18 नवंबर को कोर्ट ने ASI की तरफ से मांगे गए 15 दिनों के वक्त की याचिका के बाद 10 दिनों की मोहलत हिदायत के साथ दी थी.
मालूम होई कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद में करीब 100 दिनों तक सर्वे कराया गया है. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग, ASI के साइंटिस्ट और स्थानीय प्रशासन के लो शामिल रहे. सर्वे की वीडियोग्राफी भी कराई गई है. कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सबमिट हो जाने के बाद यह पता चल सकेगा कि ज्ञानवापी परिसर में आखिर है क्या?
हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि एएसआई ने तीन हफ्तों का समय और मांगा है. हम अदालत से कहेंगे जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी ये रिपोर्ट फाइल कराई जाए.
बकौल विष्णु जैन- लगता है ASI की रिपोर्ट अभी पूरी तरीके से तैयार नहीं है लेकिन हिंदू पक्ष का वकील होने के नाते मैं पूरे सर्वे में मौजूद रहा हूं. 300 से ज्यादा ऐसे टूटे और खंडित मूर्तियां ,विग्रह और मंदिर से जुड़े साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें झूठलाना संभव नहीं है. अभी वह वजूखाना जहां हमारे मुताबिक शिवलिंग मिला है उससका सर्वे होना बाकी है. इसके अलावा व्यास जी के तहखाना के पास ही तीन और तहखाने मिले हैं,जो फाल्स दीवार से बंद है, हम यह भी मांग करेंगे कि उनका भी सर्वे होना चाहिए.
विष्णु जैन ने कहा कि हमने पहले ही इस बात की मांग की थी कि पूरे परिसर के साथ उसे वजू खाने का भी सर्वे होनी चाहिए, 1 दिसंबर को इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है. हमें उम्मीद है कि पूरे परिसर का सर्वे होगा, और अदालत से हमें उसकी मंजूरी मिलेगी.
1 महीने पहले समाप्त हो चुका है सर्वे का काम
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में सर्वेक्षण का काम करीब महीने भर पहले ही समाप्त हो गया था. इसके बाद ASI ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. अंतिम डेडलाइन 18 नवंबर को बढ़ाई गई थी, तब ASI ने 15 दिन और मांगे थे. हालांकि,कोर्ट ने इसके लिए 10 दिन की इजाजत दी थी. जिसकी समयसीमा 28 नवंबर को खत्म हो चुकी है. मगर आज फिर से ASI ने तीन हफ्ते का समय मांग लिया है.
बता दें कि इसी साल 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर बाकी परिसर के ASI के सर्वे का आदेश दिया था. तीन दिनों बाद ASI की तरफ से ज्ञानवापी का सर्वे 24 जुलाई को शुरू कर दिया गया. लेकिन मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अर्जी के तहत सर्वे पर रोक लगा दी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद 4 अगस्त से एक बार फिर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कार्य शुरू हुआ.