यूपी के हापुड़ जिले में एडीओ पंचायत पर बीजेपी विधायक से अभद्रता करने का आरोप लगा है. घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. आरोप है कि चाय को लेकर एडीओ पंचायत ने विधायक से कहा कि 'कुछ देर पहले ही चाय पिलाई थी, इतनी बार तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी चाय नहीं पिलाता.'
दरअसल, यूपी सरकार के आठ साल होने पर आयोजित कार्यक्रम में हापुड़ सदर से बीजेपी विधायक विजयपाल सिंह आढ़ती पहुंचे थे. कार्यक्रम में तमाम अधिकारी भी मौजूद थे. विधायक का आरोप है कि बीडीओ के आग्रह पर वह चाय पीने के लिए रुके थे. तभी एडीओ पंचायत बिशन सक्सेना ने उनपर अभद्र टिप्पणी कर दी.
बकौल बीजेपी विधायक- बिशन सक्सेना ने कहा कि कुछ देर पहले ही तो चाय पिलाई थी, अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आते तो भी मैं इतनी बार उन्हें चाय नहीं पिलाता. एडीओ यही नहीं रुके बल्कि हाथापाई का भी प्रयास किया. इस अभद्रता से नाराज होकर विधायक ने डीएम प्रेरणा शर्मा को फोन कर मामले की जानकारी दी. डीएम ने सीडीओ हिमांशु गौतम को मामले को जांच सौंपते हुए एडीओ को हापुड़ से गढ़ ब्लॉक स्थानांतरित कर दिया है.
विधायक ने लगाया अधिकारी पर आरोप
आपको बता दें कि हापुड़ सदर से विधायक विजयपाल सिंह सरकार के आठ साल की उपलब्धियां गिनाने के लिए ब्लॉक ऑफिस में पत्रकार वार्ता करने आए थे. विधायक ने बताया कि हापुड़ ब्लॉक परिसर में पत्रकार वार्ता के बाद जब पत्रकार चले गए तो इस बीच बीडीओ श्रुति सिंह ने उनसे चाय पीने का आग्रह किया. पहले तो उन्होंने इनकार कर दिया लेकिन दोबारा आग्रह करने पर वह चाय पीने के लिए रुक गए.
इस पर वहां मौजूद एडीओ पंचायत बिशन सक्सेना ने उन पर अभद्र टिप्पणी करनी शुरू कर दी. विधायक ने एडीओ पंचायत को टोका तो उन्होंने पलटकर उल्टा जवाब देना शुरू कर दिया, इससे हंगामा शुरू हो गया. गहमा-गहमी बढ़ती देख कुछ लोग एडीओ पंचायत को बाहर ले गए. नाराज विधायक ने बीडीओ पर गुस्सा उतारा और इसके बाद गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए. इस मामले का किसी ने वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
डीएम ने लिया एक्शन
पूरे मामले में डीएम प्रेरणा शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान एडीओ पंचायत बिशन सक्सेना ने वार्तालाप के दौरान अभद्र शब्दों का प्रयोग किया है. मामले का संज्ञान लेकर एडीओ पंचायत का हापुड़ से गढ़ विकास खंड के लिए स्थानांतरण किया गया है. मामले की जांच सीडीओ को दी गई है. निलंबन के लिए लखनऊ मुख्यालय को पत्र भेजा जा रहा है.